शांति का पाठ पढ़ाने वाले ट्रंप ने क्यों छेड़ दी नई जंग? ईरान और रूस दोनों बौखलाए, चरम पर तनाव
- डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले शुरू कर दिए हैं। जंग के इस नए मोर्चे के खुलने से ईरान और रूस दोनों भड़क गए हैं। दोनों ने अमेरिका को चेतावनी दी है।

डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिकी सत्ता में आए थे, तो उन्होंने दुनिया में युद्ध खत्म करने का वादा किया था। शुरुआत में वह यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास और लेबनान के हिजबुल्ला आतंकियों के बीच सुलह कराने में इंटरेस्टेड भी दिखे, लेकिन अब वही ट्रंप एक नया युद्ध मोर्चा खोल चुके हैं। यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान भड़क उठा है और कड़े जवाब की धमकी दे रहा है। दूसरी तरफ, हूतियों के समर्थन वाले रूस समेत कई देश भी अमेरिका के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ने की आशंका गहरा गई है। एक दिन पहले अमेरिका के यमन पर हवाई हमले में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई।
मिडिल ईस्ट में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। ट्रंप ने यमन के हूती विद्रोहियों पर बड़े हवाई हमले का आदेश दिया, जिसके जवाब में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कड़े और निर्णायक प्रतिक्रिया की धमकी दी है।
ट्रंप ने हमले की क्या वजह बताई
शनिवार को अमेरिका ने रेड सी में जहाजों पर हमले के जवाब में हूती ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमले किए। ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि यह "निर्णायक और शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई" थी, जिससे हूती विद्रोहियों द्वारा समुद्री व्यापार को बाधित करने की धमकी को समाप्त किया जा सके। हूती अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरान की धमकी, हूतियों के साथी भी लामबंद
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स प्रमुख हुसैन सलामी ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ईरान जंग नहीं चाहता, लेकिन यदि उसे धमकाया गया तो वह "उचित, निर्णायक और कड़ा जवाब" देगा। ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी इन हमलों को "संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन" बताया और अमेरिका से यमन के नागरिकों की हत्या बंद करने की अपील की।
रूस ने भी जताई आपत्ति
रूस ने भी अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपने हमले तुरंत रोके। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बात की और कहा कि "बल प्रयोग को तुरंत रोका जाना चाहिए और सभी पक्षों को रक्तपात रोकने के लिए राजनीतिक संवाद में शामिल होना चाहिए।"
हमले का क्या असर?
हूती विद्रोही पिछले एक दशक से यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण बनाए हुए हैं। यह ईरान समर्थित "एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस" का हिस्सा हैं। ये समूह इजरायल के विनाश की शपथ ले चुके हैं और गाजा में हमास के समर्थन में लगातार रेड सी और इजरायल पर हमले कर रहे हैं। अब जब अमेरिका ने हूतियों पर हमले किए हैं, तो मिडिल ईस्ट में टकराव और बढ़ सकता है। ईरान की प्रतिक्रिया और रूस की चेतावनी के बाद इस विवाद का वैश्विक असर देखने को मिल सकता है।
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