Local Tribal Women Protest Against Removal from Market Shed in Nowamundi नीय लोगों को फिर से दुकान आवंटित करने की मांग, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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नीय लोगों को फिर से दुकान आवंटित करने की मांग

नोवामुंडी के साप्ताहिक हाट में आदिवासी महिलाओं को बाजार शेड से हटाने पर मानकी-मुंडा संघ ने विरोध जताया। महिलाओं का आरोप है कि बाहरी लोगों ने उन्हें हटाया, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण संकट में आ गया...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाFri, 30 May 2025 05:29 AM
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नीय लोगों को फिर से दुकान आवंटित करने की मांग

नोवामुंडी,संवाददाता। नोवामुंडी साप्ताहिक हाट परिसर स्थित बाजार शेड से स्थानीय आदिवासी महिला दर्जी को हटाने से नाराज मानकी-मुंडा संघ ने विरोध जताया। महुदी स्टेशन बस्ती की महिला सुमंती लागुरी,रोबड़ो साई की दशमती चातोंबा व शुरू चांपिया की शिकायत पर गुरुवार को हाट प्रांगण स्थित बाजार शेड निरीक्षण कर हकीकत जानने के लिये मानकी मुंडा संघ पहुंचे हुये थे। निरीक्षण के दौरान आदिवासी एशोसिएशन अध्यक्ष घनश्याम हेम्ब्रम,बालीझोर मुंडा घासोवा बारजो,मेरेलगाड़ा मुंडा जयराम बारजो,गौतम मिंज,गणेश केराई,पेटेता पंचायत के पंचायत समिति सदस्य मंगीलाल केराई आदि मौजूद थे। महिलाओं ने शिकायत करते बताया कि वे लोग मंगलवार के दिन हाट प्रांगण में खाली पड़े बाजार शेड की साफ-सफाई कर सिलाई मशीन लेकर कपड़े सिलाई शुरू की थी।

ठीक इसी समय वर्षों से शेड पर कब्जा किये बाहरी लोगों ने उन्हें शेड से हटवा दिया। वे लोग गरीब परिवार से आते हैं। अब वे लोग अपने परिवार की भरण-पोषण कैसे करेंगे। मौके पर उपस्थित लोगों ने महिलाओं को बाजार शेड पर ही सिलाई मशीन लेकर बैठने के निर्देश दिया है। आदिवासी एशोसिएशन अध्यक्ष घनश्याम हेंब्रम ने बताया कि नोवामुंडी साप्ताहिक हाट कृषि बाजार समिति के नाम पर 1.51 एकड़ जमीन आवंटित है। अतिक्रमण के जद में आने के बाद हाट बाजार के नाम पर आवंटित जमीन पूरी तरह से संकुचित हो चुकी है। बाजार इलाके के जमीन पर प्रखंड स्तर से निर्मित बीस दुकानों पर सात दुकानदारों ने स्वंय दुकान चला रहे हैं। शेष 13 सरकारी दुकानों को भाड़े में देकर महीने में किराया वसूला जाता है। नोवामुंडी बाजार इलाके के जमीन पर कपड़ा पट्टी पूरी तरह से जगन्नाथपुर के लोगों ने कब्जा कर दुकान बना लिया गया है। यहीं पर से आपस मे दुकानों की खरीद बिक्री होती रहती है जिसको देखने वाला कोई नहीं है। मुंडा घासोवा बारजो ने बताया कि अविभाजित बिहार सरकार के समय 1964 के सेटलमेंट में बाजार प्रांगण के किनारे में बसे दुकानदारों को दुकान करने के लिये दो-दो डिसमिल जमीन आवंटित किया गया है। अब वे लोग पूरे बाजार के जमीन पर अतिक्रमण कर दुकान व मकान बना लिये हैं। उन्होंने अंचलाधिकारी से मांग की है सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और स्थानीय लोगों को फिर से दुकानों का आवंटन किया जाये।

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