Mobile Thief Escapes from Moving Train in Goa Raises Security Concerns चलती ट्रेन में मोबाइल झपटमारी, यात्रियों ने पकड़ा, पीटा, फिर भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला चोर, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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चलती ट्रेन में मोबाइल झपटमारी, यात्रियों ने पकड़ा, पीटा, फिर भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला चोर

गुवा में एक युवक ने चलती ट्रेन से रेलवे कर्मचारी का मोबाइल चुराया और भागने में सफल रहा। यात्रियों ने चोर को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। घटना ने रेलवे सुरक्षा पर सवाल...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाFri, 6 June 2025 12:59 PM
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चलती ट्रेन में मोबाइल झपटमारी, यात्रियों ने पकड़ा, पीटा, फिर भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला चोर

गुवा। एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए मोबाइल चोर चलती ट्रेन से कूदकर फरार हो गया। घटना गुरुवार रात लगभग 8:48 बजे टाटानगर-गुवा मेमू पैसेंजर (68003) में हुई, जब नोवामुंडी स्टेशन और नोवामुंडी बाजार के बीच एक युवक ने रेलवे कर्मचारी का मोबाइल छीन लिया और भागने की कोशिश की। यात्रियों ने हिम्मत दिखाकर पहले तो चोर को धर दबोचा, उसकी जमकर धुनाई की, लेकिन वह किसी तरह भीड़ से निकलकर अंधेरे में गायब हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन नोवामुंडी स्टेशन से जैसे ही धीमी गति से आगे बढ़ी, बोगी में अचानक अफरा-तफरी मच गई।

एक संदिग्ध युवक ने रेलवे कर्मचारी के हाथ से झपट्टा मारकर मोबाइल छीन लिया और बोगी के दूसरे सिरे की ओर दौड़ पड़ा। अन्य यात्रियों ने तत्परता दिखाते हुए उसका पीछा किया, उसे पकड़कर मोबाइल जब्त कर लिया और पीटना शुरू कर दिया। हालांकि यात्रियों ने साहसिकता का परिचय दिया, लेकिन चोर ने मौका देखकर चलती ट्रेन से कूदकर नोवामुंडी स्टेशन और बाजार रेलवे क्रॉसिंग के बीच भागने में कामयाबी हासिल कर ली। रात के अंधेरे का लाभ उठाकर वह कब और कैसे गायब हुआ, इसका अंदाजा किसी को नहीं लग सका। बावजूद इसके कुछ सतर्क यात्रियों ने भागते चोर की तस्वीरें अपने मोबाइल में कैद कर ली हैं, जिससे उसकी पहचान संभव है। इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। लगातार ट्रेनों में यात्रियों के मोबाइल, पर्स और बैग झपटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, खासकर ग्रामीण और कम स्टाफ वाले स्टेशनों पर। नोवामुंडी जैसे छोटे स्टेशनों और उनके आसपास के इलाके अपराधियों के लिए सुरक्षित ज़ोन बनते जा रहे हैं, जहां से वे आसानी से वारदात कर फरार हो जाते हैं। घटना के बाद यात्रियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आरपीएफ की कोई गश्ती टीम आसपास नजर नहीं आई, न ही स्टेशन या ट्रेन में कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद था। नोवामुंडी जैसे व्यस्त स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे भी नदारद हैं, जिससे निगरानी और पहचान बेहद मुश्किल हो जाती है। रोज सफर करने वाले एक यात्री ने कहा, "अब लगता है ट्रेन में सफर करना खतरे से खाली नहीं। कब कौन झपट्टा मार दे, कोई भरोसा नहीं। हम अपने मोबाइल, पर्स को लेकर हर वक्त सतर्क रहते हैं, फिर भी अपराधी मौका ढूंढ़ ही लेते हैं। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में आरपीएफ की तैनाती बढ़ाए, ट्रेन में मोबाइल झपटमारी जैसे मामलों को रोकने के लिए सादे कपड़ों में सुरक्षा गार्ड तैनात करे, और हर कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए। अगर सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आम यात्रियों का विश्वास रेलवे से उठ जाएगा और ट्रेन यात्रा भय का पर्याय बनकर रह जाएगी।

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