Railway Land Acquisition Sparks Protests in Jharkhand s Pada Pahar 70 किमी पैदल चल जिला मुख्यालय का घेराव करने आए पदापहाड़ के सैकड़ों रैयत, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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70 किमी पैदल चल जिला मुख्यालय का घेराव करने आए पदापहाड़ के सैकड़ों रैयत

चाईबासा में, पादापहाड़ ग्राम के रैयतों की जमीनों का अधिग्रहण करने के लिए रेल प्रबंधन द्वारा प्रक्रिया शुरू की गई है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें पहले भी धोखा मिला है और वे अपनी बहुफसली जमीन को बचाने के...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाThu, 29 May 2025 05:51 AM
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70 किमी पैदल चल जिला मुख्यालय का घेराव करने आए पदापहाड़ के सैकड़ों रैयत

चाईबासा, संवाददाता। थर्ड लाइन के लिए रेल प्रबंधन द्वारा पश्चिम सिंहभूम के नोवामुंडी प्रखंड के पादापहाड़ ग्राम रैयतों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। ग्रामीण पूर्व में भी रेल प्रबंधन द्वारा ठगे जा चुके हैं। इसलिए इस बार ग्रामीण आक्रोशित है। सभी आंदोलन के लिए विवश हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि पादापहाड़ देश का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन जहां न अब तक फ्लैटफॉर्म है न सुविधा के नाम पर कोई व्यवस्था। मगर इस स्टेशन से आज लाखों टन लौह अयस्क निर्यात किया जाता है। बगल में नोवामुंडी है, जहां टाटा स्टील की माइंस पूरे देश को लोहा देती है।

फिर भी आज पादापहाड़ के ग्रामीण रैयतों को अपनी बहुफसली जमीन बचाने के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है। अधिगृहित किए जाने वाले स्थान पर आदिवासियों की पारंपरिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक शासनदीरी श्मशान भी अवस्थित है। इसके साथ छेड़ छाड़ नहीं किया जा सकता। ग्राम सभा के सहमति के बगैर 1 इंच जमीन नहीं जाएगी : झारखंड पुनरुथान अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सन्नी सिंकू ने कहा कि अमाडिया में भी 2017 में रेलवे द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन रैयतों को बहुत कम मुआवजा दिया गया। आज पादापहाड़ के ग्रामीणों को रेलवे बोर्ड द्वारा कहा गया कि 2019 में जमीन के बदले नौकरी देने का प्रावधान खत्म हो गया है तो फिर अमाडिया गांव के रैयतों को 2016 और 2017 के बदले नौकरी क्यों नहीं दी गई। रेल प्रशासन ने अमाडिया के रैयतों के साथ धोखाधड़ी किया है। नौकरी हर हाल में देना होगा। अब रेल प्रशासन को ग्राम सभा के सहमति के बगैर 1 इंच जमीन नहीं जाएगी। ग्रामीण मुंडा लक्ष्मण बालमुचू ने कहा कि विगत 2009 में जमीन के बदले रैयतों को नौकरी देने के लिए चयन किया गया था, उसमें 16 व्यक्तियों को नौकरी दी गई बाकी 8 लोगों की सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी नौकरी नहीं दी गई। रेल कार्यालयों का चक्कर काटने के बाद परेशान होकर न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। 7 व्यक्तियों का मामला कोर्ट में लंबित है। संघ के अध्यक्ष राजेंद्र बालमुचू, अशोक पान, ईचा खरकई बांध विरोधी संघ के अध्यक्ष बीरसिंह बिरुली, भारत आदिवासी पार्टी के कोल्हान प्रभारी सुशील बारला सहित कई लोगों ने धरना को सम्बोधित किया। धरना समापन के बाद प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर मामले से अवगत कराया। मौके पर रेयांस सामड, कांडे बालमुचू, प्रीति कुटिया , रजनी कुटिया, सुशीला पूरती, आनन्द बालमुचू, साहू बालमुचू, संध्या पूरती, बसंती बालमुचू, अमृत मांझी रमेश जेराई, उमाकांत वादी और सैकड़ों रैयत उपस्थित थे।

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