सारंडा में सर्च ऑपरेशन तेज, 3000 जवानों ने संभाला मोर्चा
सारंडा जंगल में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा बीते 3 महीनों ने लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। यहां के छोट

मनोहरपुर, संवाददाता । सारंडा जंगल में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा बीते 3 महीनों से लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। यहां के छोटानागरा थाना क्षेत्र, जराईकेला थाना क्षेत्र के अति सुदूर जंगलो में रोजाना सैकड़ों की संख्या में जवान सर्च अभियान चला रहे हैं। सारंडा जंगल में इस वक्त नक्सलियों के कई बड़े नेता के छुपे होने की सूचना है। इसके कारण पिछले तीन महीने से यहां हर रोज सुरक्षा बल के जवानों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है। सूचना है की लगभग 3000 फ़ोर्स यहां अभियान में शामिल हैं। सारंडा जंगल में नक्सलियों को जड़ से ख़त्म करने के लिए सुरक्षा बल एक तरफ जहां कमर कस कर अभियान कर रही है, तो यहां के दुर्गम पहाड़ी घने जंगल क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा बलो को यहां परेशानी भी होती है। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों को अपने सुरक्षा चक्र के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसलिए पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान उतनी तेजी से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चला पा रहे हैं।
जगह-जगह लगाया लैंड माइंस :
कोल्हान प्रमंडल के सारंडा के जंगलों में इस वक्त कई बड़े इनामी नक्सली नेता छिपे हुए हैं। इन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए जगह-जगह लैंडमाइंस बिछा रखे हैं, इसकी चपेट में आने से कई ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। जबकि सुरक्षा बलों के जवान भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। लैंड माइंस को पार कर नक्सलियों तक पहुंचना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने पूर्व में लगाये सभी आईईडी को एक्टिव कर दिया है, जबकि सूचना है की हाल के महीनों में और भी कई जगहों में नक्सलियों ने आईईडी लगा कर एक्टिव कर दिए हैं।
एक महीने में दो जवान शहीद :
पिछले एक महीने में सुरक्षाबलों द्वारा चलाये जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कई अस्थायी कैम्प, बंकर ध्वस्त किये हैं। कई जगहों से नक्सली सामग्री, विस्फोटक आदि भी बरामद किया है। तो वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों द्वार लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से एक माह में दो जवान शहीद हुए हैं, जबकि आधा दर्जन जवान घायल हो गए हैं। बीते 21 मार्च को आईईडी विस्फोट होने से तिरिलपोसी में सीआरपीएफ के एसआई सुनील कुमार मंडल व बीते शनिवार को झारखण्ड जगुआर के जवान सुनील धान शहीद हो गए हैं। वहीं इन घटनाओं के बावजूद सुरक्षाबलों द्वारा यहां लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
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