फर्जी अधिकारी बन ठगी करने वाले 10 गिरफ्तार, 1 निरुद्ध
देवघर में साइबर थाना पुलिस ने जसीडीह थाना के राय डीह गांव में छापेमारी कर 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। सभी आरोपियों ने देशभर के लोगों से ठगी की है। उनके पास से 11...

देवघर, प्रतिनिधि साइबर थाना पुलिस ने जसीडीह थाना के राय डीह गांव के जंगल में छापेमारी कर 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। अलग से 1 नाबालिग साइबर ठग को पकड़ लिया है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों में पालोजोरी थाना के बरमशोली गांव निवासी 39 वर्षीय आमरुल अंसारी, 37 वर्षीय समरूल अंसारी, करौं थाना के करहैया गांव निवासी 24 वर्षीय सफाउल अंसारी, मारगो मुंडा थाना के मुरली पहाड़ी गांव निवासी 54 वर्षीय जलाउद्दीन मियां, सारवां थाना कुंडा गांव निवासी 25 वर्षीय निरज कुमार दास, मारगोमुंडा थाना के मुरली पहाड़ी गांव निवासी 21 वर्षीय असफाक अंसारी, जसीडीह थाना के दर्दमारा गांव निवासी 22 वर्षीय बिक्रम कुमार दास, मारगोमुंडा थाना के मुरली पहाड़ी गांव निवासी 19 वर्षीय अब्दुल अंसारी, 21 वर्षीरू फैजान अंसारी, करौं थाना के करहैया गांव निवासी 23 वर्षीय हमिद राजा शामिल है।
सभी से पूछताछ करने के बाद कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया । वहीं उस दौरान पुलिस ने उसी स्थान से साइबर क्राइम करते एक नाबालिग को पकड़ा गया है। उसके पास से भी साइबर क्राइम करने का प्रमाण मिला । जिसके आधार पर उसे कोर्ट में पेशी कर उसे न्यायाधीश के आदेश पर बाल सुधार गृह दुमका भेज दिया गया । छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से 11 मोबाइल फोन व 13 सिमकार्ड बरामद किया गया है। जांच में पता चला कि सभी आरोपियों ने देशभर के लोगों को अपना शिकार बनाया है। सरकार के प्रतिबिंब पोर्टल पर 5 सिमर्काड के विरुद्ध शिकायत दर्ज है। सभी साइबर आरोपी टीम बनाकर संगठित होकर धंधा कर रहे थे। छापेमारी टीम में साइबर थाना के इंसपेक्टर नागेन्द्र प्रसाद सिन्हा, एसआई टेकलाल मेहता, जसीडीह थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंह व जैप-5 के दर्जनों जवान शामिल थे। तकनीकी जांच में खुलासे : पुलिस द्वारा जब्त मोबाइल और सिमकार्ड की जांच में यह सामने आया कि इन नंबरों पर प्रतिबिंब पोर्टल व जीएमएस पोर्टल पर शिकायतें दर्ज हैं। आरोपी पूर्व में भी साइबर ठगी के मामलों में लिप्त रहे हैं। देश के सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है। जांच टेक्निकल टीम कर रही है। अपराधी फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी व सरकारी योजना के प्रतिनिधि बनकर भोले-भाले लोगों को ठगते थे। छापेमारी पुलिस उप-महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के दिशा-निर्देशन में की गयी। गिरफ्तार अपराधी अत्यधिक संगठित तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे। मुख्य शिकार ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे लोग थे जो तकनीकी रूप से जागरूक नहीं थे और जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि योजना, फोन-पे, पेटीएम जैसी सेवाओं की जानकारी सीमित रूप से थी। साइबर आरोपियों का नेटवर्क बांझी से : जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि आरोपियों का नेटवर्क मोहनपुर थाना के बांझी से जुड़ा हुआ है। घोरमारा के साइबर आरोपियों के सहयोग से सभी आरोपी साइबर क्राइम करने का तरीके के बारे में जानकारी आदान-प्रदान करते थे। हलांकि पुलिस ने वैसे आरोपियों के बारे में जानकारी ले ली है। अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है। साइबर अपराधियों की ठगी के तरीके : गिरोह सदस्य पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को फर्जी लिंक भेजते थे। लिंक पर क्लिक करने के बाद लाभुकों से उनका व्यक्तिगत व बैंक विवरण मांगा जाता था। जानकारी हासिल होते ही उनके खातों से पैसे गायब कर दिए जाते थे। ये लोग खुद को फोनपे या पेटीएम का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताकर उपभोक्ताओं को कॉल करते थे। उन्हें कैशबैक या गिफ्ट कार्ड का लालच देकर गुप्त कोड मंगाते थे और फिर उसका उपयोग कर उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे। कुछ आरोपी एयरटेल पेमेंट बैंक के फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करते थे और कहते थे कि उनका नंबर बंद होने वाला है। फिर उसे चालू कराने के नाम पर ओटीपी मंगाकर ठगी की जाती थी।
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