एफसीआई और हर्ल को बकाया बिल देने का निर्देश
धनबाद में, डीसी आदित्य रंजन ने जलापूर्ति बकाया बिजली बिल विवाद को हल करने के लिए एफसीआईएल और हर्ल के साथ बैठक की। एफसीआईएल ने 2003 से 2019 तक जलापूर्ति का लाभ लिया, जबकि हर्ल ने 2019 से 2022 तक पानी...

धनबाद, प्रमुख संवाददाता। जलापूर्ति को लेकर झमाडा पर बकाया बिजली बिल के विवाद के समाधान के लिए डीसी आदित्य रंजन ने फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) और हिन्दुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड (हर्ल) के साथ बैठक की। एफसीआईएल के यूनिट इंचार्ज ने बताया कि कंपनी ने अप्रैल-2003 से जुलाई-2019 तक जलापूर्ति योजना का लाभ लिया। इसके लिए एफसीआईएल ने उपभोक्ताओं से वसूली भी की, जबकि अगस्त-2019 से जून-2022 तक हर्ल ने संयंत्र के निर्माण के लिए पानी का इस्तेमाल किया। डीसी ने एफसीआईएल के प्रतिनिधि को अप्रैल-2003 से जुलाई-2019 तक जलापूर्ति के बदले उपभोक्ताओं से वसूली गई राशि की विवरणी देने का निर्देश दिया।
साथ ही हर्ल का अगस्त-2019 से जून-2022 तक जलापूर्ति योजना का कितना लाभ लिया, उसकी विवरणी देने का निर्देश दिया। वहीं झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को एफसीआईएल का जुलाई-2019 से अप्रैल 2003 तक तथा हर्ल को अगस्त-2019 से जून-2022 तक अलग-अलग बिजली बिल तैयार करने का निर्देश दिया, जिससे झमाडा पर बकाया बिजली बिल का भुगतान किया जा सके। मौके पर नगर आयुक्त रवि राज शर्मा, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक अशोक सिन्हा, विद्युत अधीक्षण अभियंता एस कश्यप, हर्ल के चीफ मैनेजर इलेक्ट्रिकल एएस महाना, विक्रांत कुमार, एफसीआई के यूनिट इंचार्ज विजय कुमार चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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