Government School in Palani Faces Dire Conditions Lack of Water and Facilities Threatens Student Enrollment बोले धनबाद: पीने के लिए पानी नहीं, भवन भी हो गया जर्जर, Dhanbad Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsDhanbad NewsGovernment School in Palani Faces Dire Conditions Lack of Water and Facilities Threatens Student Enrollment

बोले धनबाद: पीने के लिए पानी नहीं, भवन भी हो गया जर्जर

राजकीय मध्य विद्यालय पलानी, बलियापुर क्षेत्र का एक पुराना स्कूल है जो वर्तमान में जर्जर हालत में है। पिछले तीन महीने से यहां पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जिससे छात्रों को कठिनाइयों का सामना...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादFri, 16 May 2025 02:20 AM
share Share
Follow Us on
बोले धनबाद: पीने के लिए पानी नहीं, भवन भी हो गया जर्जर

राजकीय मध्य विद्यालय, पलानी, बलियापुर क्षेत्र का काफी पुराना स्कूल है। 1956 में राजकीय मध्य विद्यालय पलानी की स्थापना हुई थी। स्कूल के पास ग्रामीणों की ओर से दान में दी 44 डिसमिल जमीन है। मौजूदा समय में स्कूल बदहाल है। इस स्कूल में पिछले तीन माह से पीने के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। इस कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभागीय उदासीनता के कारण बच्चों को पानी पीने या शौच के लिए घर जाना पड़ता है। स्कूल की हालत जर्जर है। बच्चे सुरक्षित महसूस नहीं करते। दबी जुबान शिक्षक भी स्थिति को स्वीकारते हैं।

यही वजह है कि स्कूल में बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। राजकीय मध्य विद्यालय पलानी में 73 से अधिक छात्रों का नामांकन है। इनमें 40 से अधिक छात्राएं हैं। पिछले तीन महीने से चापाकल खराब होने के कारण स्कूली बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी परेशानी होती है। छात्राएं कहती हैं कि इस स्कूल में पर्याप्त शिक्षक तो हैं, लेकिन भवन जर्जर है। समय से क्लास भी होती है, मीड डे मील भी दिया जाता है। दिक्कत पीने के पानी का है। शौचालय में भी पानी की व्यवस्था नहीं है। हिन्दुस्तान की टीम जब पलानी गांव के मध्य विद्यालय पहुंची तो बच्चे जैसे-तैसे पढ़ाई करते मिले। भीषण गर्मी में स्कूल के छात्र सहित शिक्षक भी पानी की समस्या से परेशान हैं। नल जल योजना का एक कनेक्शन है, लेकिन प्रेशर कम होने के कारण पानी ठीक से नहीं आता है। स्कूल के प्रभारी ने बताया कि स्कूल में लगी सोलर जलमीनार में तीन में से दो सोलर प्लेट चोरी हो गया है। इसके साथ ही सबमर्सिबल भी काफी दिनों से खराब पड़ा है। स्कूल के पास फंड नहीं होने के कारण सबमर्सिबल की मरम्मत नहीं हो पा रही है। एक चापाकल भी है, जो पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण बंद है। शौच के लिए बच्चे स्कूल से सटे तालाब में जाते हैं। स्कूल का भवन काफी पुराना हो गया है। दो कमरों को शिक्षा विभाग की ओर से कंडम घोषित कर दिया गया है। इन्हें गिराने की भी स्कूल समिति को आदेश दे दिया गया है। स्कूल में प्रभारी के रूम के साथ-साथ छात्रों के क्लास रूम मात्र चार हैं। इनमें एक से लेकर आठ तक की कक्षा चलती है। स्कूल में न पुस्तकालय हैं और न ही अभिभावक के आने के बाद बैठने के लिए कोई रूम है। स्कूल के प्रभारी बताते हैं कि भवन और सुविधा की कमी के कारण अब कम बच्चे नामांकन ले रहे हैं। जर्जर भवन होने से लोग अपने बच्चों को गांव के ही दूसरे पब्लिक स्कूलों में भेजते हैं। कुछ भवन की मरम्मत हुई है लेकिन नाकाफी है। अभिभावकों को डर है कि कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। चहारदीवारी भी काफी पुरानी है, जो जगह-जगह टूट गई है। स्कूल परिसर में जानवर आदि प्रवेश कर जाते हैं। मिड डे मील स्कूल प्रांगण के अंदर ही बनता है। स्कूल प्रभारी बताते हैं कि अभिभावक जागरूक नहीं हैं। इसके कारण समिति में निर्णय लेने में दिक्कत होती है। समिति में जो अभिभावक है, वह दैनिक रोजगार से जुड़े हुए हैं। वह समिति के बैठक में भी पहुंचते भी नहीं हैं। फंड आता तो सबमर्सिबल पंप ठीक करवाते :स्कूल के प्रभारी ने बताया कि सबमर्सिबल पंप जल गया है। टंकी में पानी चढ़ाने के लिए, जो पाइप है, वह भी क्षतिग्रस्त है। मिस्त्री ने बताया कि 10-12 हजार रुपए का खर्च है। फंड नहीं होने के कारण मशीन व पाइप का काम नहीं हो पा रहा है। गर्मी के कारण चापाकल का लेयर नीचे चले जाने के कारण भी परेशानी है। मालबा बेचकर मजदूरों को देना है पैसा : स्कूल समिति का कहना है कि विभाग की ओर से जारी पत्र में आदेश दिया गया है कि मलबा बेचकर भवन तोड़ने की मजदूरी दें। मलबा लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। समिति इसके लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसलिए कंडम भवन को गिराया नहीं जा पा रहा है। सुझाव 1. छात्रों के लिए तत्काल पीने का पानी व शौचालय में पानी की व्यवस्था हो। 2. शौचालय में पानी नहीं रहने से छात्राओं एवं महिला शिक्षकों को असुविधा होती है। पानी की व्यवस्था हो। 3. सोलर प्लेट को जल्द ठीक किया जाए। इससे स्कूल में पानी की सुविधा होगी। 4. भवन का निर्माण जल्द हो। इससे बच्चों को सुरक्षित माहौल मिलेगा। 5. स्कूल में पुस्तकालय व कॉमन रूम की व्यवस्था भी होनी चाहिए। शिकायतें 1. स्कूल में पीने की पानी तक की व्यवस्था नहीं है। छात्र-छात्राओं को दिक्कत होती है। 2.स्कूल में क्लासरूम का अभाव है। छात्र-छात्राएं सुचारू रूप से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। 3. शौचालय में भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। 4. स्कूल भवन में लगभग सारे क्लासरूम जर्जर हैं। डर लगता है। 5. जर्जर भवन एवं असुविधाओं के कारण बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।