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भारत में एलजीबीटीक्यू+ लोगों के लिए बढ़ीं पर्यटन सुविधाएं

भारत में कई पर्यटन कंपनियां समलैंगिक पर्यटकों के लिए विशेष सेवाएं प्रदान कर रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के एलन और डेविड ने भारत में अपनी यात्रा का आनंद लिया है। समलैंगिक पर्यटन में वृद्धि के साथ, कई नए...

डॉयचे वेले दिल्लीMon, 26 May 2025 09:36 PM
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भारत में एलजीबीटीक्यू+ लोगों के लिए बढ़ीं पर्यटन सुविधाएं

भारत में कई पर्यटन कंपनियां अब समलैंगिक पर्यटकों के लिए खास सेवाएं दे रही हैं.ऐसे में पर्यटकों का कहना है कि वह यहां सहज महसूस करते हैं.ऑस्ट्रेलिया के एलन मॉरिस और उनके पति, डेविड, तीसरी बार भारत आने के लिए उत्साहित हैं.दिल्ली, आगरा और जयपुर को जोड़ने वाले "गोल्डन ट्राएंगल" को उन्होंने पहले ही पूरा घूम लिया है.और इस साल की शुरुआत में उन्होंने मुंबई और दक्षिण भारत में अपने मंदिरों और महलों के लिए मशहूर, हम्पी की यात्रा की है.मॉरिस ने डीडब्ल्यू को बताया, "अब हम जल्द से जल्द केरल, कश्मीर और दिल्ली घूमना चाहते हैं"मॉरिस की तरह डेविड भी मानते हैं कि भारत में उनकी यात्रा काफी मजेदार रही हैं.उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "मुझे हमारी यात्रा से संबंधित कुछ भी बुरा याद नहीं आता है.हालांकि, हम सतर्क रहते हैं.लेकिन हम जिन भी जगहों पर गए, वहां मिलनसार और एक मजबूत सामुदायिक भावना का माहौल मिला है"एलन और डेविड उन हजारों समलैंगिक पर्यटकों में से हैं, जो भारत में पर्यटन कर रहे हैं.भारत अब समलैंगिक पर्यटन में तेजी से उभर रहा है. बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए इस क्षेत्र में कई नए व्यवसाय भी सामने आए हैं.लग्जरी से लेकर बजट यात्रा तकइंडियापिंक, पिंक एस्केप्स, पिंक विबग्योर और एलजीबीटी टूरिज्म इंडिया जैसी कंपनियां समलैंगिक पर्यटन बाजार पर खास ध्यान केंद्रित कर रही हैं.यह महंगे और शानदार अनुभव से लेकर सस्ते बजट में यात्रा करने वाले सभी तरह के पर्यटकों के लिए सुविधाजनक सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं."द होस्टलर" नाम की हॉस्टल चेन के संस्थापक और सीईओ, प्रणव डांगी ने कहा, "हमने महसूस किया है कि अधिकतर समलैंगिक पर्यटक भारत की विविधता को देखने के लिए हमारे हॉस्टल को अपना ठिकाना बना रहे हैं.ऐसे में वह सिर्फ घूमने नहीं आते हैं, बल्कि इसलिए भी आते हैं ताकि वह सम्मानित महसूस कर सके और एक बड़े मिलनसार समुदाय का हिस्सा बन सके"यूरोप बन रहा एलजीबीटीक्यू समुदाय का सुरक्षित ठिकानाउन्होंने यह भी कहा, "हमने समलैंगिक लोगों को ना केवल मेजबान के तौर पर स्वागत किया है, बल्कि उन्हें अपनी टीम का हिस्सा भी बनाया है.हमारे संगठन की तरक्की में उनका अहम योगदान है.हमारे यहां इंसान अपनी पहचान के साथ आजादी से रह सकता है"ऐसा भारत ने किया कैसे?समलैंगिक पर्यटन से जुड़े व्यवसायों का नेटवर्क, अंतरराष्ट्रीय एलजीबीटीक्यू ट्रैवल एसोसिएशन (आइजीएलटीए) के अनुसार, भारत समलैंगिक समुदाय के लिए एक समावेशी माहौल बनाने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है.आइजीएलटीए के अध्यक्ष और सीईओ, जॉन टैंजेला ने डीडब्ल्यू से कहा, "भारत निस्संदेह इस क्षेत्र में एक उभरता हुआ देश है" उन्होंने यह भी बताया, "पिछले कुछ वर्षों में समलैंगिक रिश्तों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और तीसरे लिंग को मान्यता देना जैसे कानूनी बदलाव इस बात का संकेत हैं कि भारत में समलैंगिक रिश्तों की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ रही है"लैंगिक पहचान को सीमित करता भाषा का "लिंग"बर्लिन के इंटरनेशनल स्पार्टाकस गे गाइड द्वारा तैयार किए गए 2024 के गे ट्रैवल इंडेक्स के अनुसार, समलैंगिक पर्यटकों की सुरक्षा के मामले में भारत 213 देशों में से 44वें स्थान पर है.जबकि 2021 के इंडेक्स में 150 देशों में से भारत 82वें स्थान पर था.समलैंगिक पर्यटन ट्रैवल एजेंसी, पिंक विबग्योर के रजत सिंगला ने डीडब्ल्यू को बताया, "पर्यटन पैकेज मांगने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके साथ हमारा व्यवसाय भी हर साल 15 से 20 फीसदी बढ़ रहा है.हम अपने गाइड, ट्रैवल स्टाफ और ड्राइवरों को लगातार इस बारे में जागरूक करते रहते राज्य चाहें तो दे सकते हैं समलैंगिक शादी की इजाजतहैं.अब तक सब कुछ काफी अच्छे से चल रहा है"लग्जरी ट्रैवल एजेंसी, आबरक्रॉम्बी एंड केंट के कार्यकारी निदेशक, राजेश खन्ना ने डीडब्ल्यू को बताया कि उनके अधिकांश समलैंगिक कस्टमर उत्तर अमेरिका से आते हैं और कुछ यूरोप से आते हैं.उन्होंने डीडब्ल्यू से बताया, "इस क्षेत्र की स्वीकार्यता बढ़ रही है.उनको रंगों का त्योहार, होली बहुत पसंद है और अब भारत के दक्षिणी हिस्सों में भी उनकी रुचि बढ़ रही है"लग्जरी समलैंगिक पर्यटन ट्रैवल एजेंसी, सीरीन जर्नीज, जो खास और व्यक्तिगत यात्रा अनुभव प्रदान करती है और यात्रा बनाने से पहले हर यात्री बात करती है.लिंग बदलना संवैधानिक अधिकार: इलाहाबाद हाई कोर्टएजेंसी चलाने वाले, रोबिंद्रो साइखोम, जो अपने पति के साथ कई बार भारत की यात्रा कर चुके हैं.उन्होंने बताया कि वह भारत को सैन फ्रांसिस्को के सितगेस या बर्लिन की तरह "गे डेस्टिनेशन" के रूप में प्रचारित नहीं करते, जो अपनी प्राइड परेड और एलजीबीटीक्यू नाइटलाइफ के लिए मशहूर हो.उन्होंने कहा, "इसके बजाय, हम भारत को एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, सुरक्षित और संतोषजनक स्थान के रूप में प्रस्तुत करते हैं.जो अपने शांतिपूर्ण वातावरण, समृद्ध विरासत, प्रकृति, स्वादिष्ट भोजन और मिलनसार लोगों के लिए जाना जाता है"बढ़ते समलैंगिक पर्यटन के बावजूद जागरूकता की जरूरतगोपनीयता और डेटा सुरक्षा के चलते भारत में समलैंगिक पर्यटन (गे टूरिज्म) के सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.लेकिन आइजीएलटीए का कहना है कि बीते सालों में इसमें साफ वृद्धि देखी गई है. पहले के मुकाबले अब ज्यादा ट्रैवल एजेंसियां और टूर ऑपरेटर समलैंगिक समुदाय को सेवाएं दे रहे हैं.आइजीएलटीए के भारत सदस्यता प्रबंधक, पार्थ पटनायक ने डीडब्ल्यू से कहा, "भारत में आइजीएलटीए की सदस्यता हाल के वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है.जो इस बात को दर्शाता है कि पर्यटन क्षेत्र इस विविध वैश्विक बाजार के महत्व को अब बेहतर तरीके से समझ रहा है"उन्होंने यह भी बताया, "नेपाल जैसे पड़ोसी देश, जहां समावेशिता अब स्पष्ट रूप से दिखने लगी है.जिससे भारत की नजरें भी इस क्षेत्र की संभावनाओं की ओर खुल रही हैं"2018 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक रिश्तों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया.लेकिन समलैंगिक विवाह को अब भी कानूनी मान्यता नहीं मिल पाई है.फिलहाल यह मामला संसद में लंबित है.टैंजेला ने उजागर किया कि अब जब काफी ट्रैवल एजेंसियां इस क्षेत्र में सेवाएं दे रही हैं.तो ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती होगी जानकारी की कमी को दूर करना.उन्होंने कहा, "इस बारे में जागरूकता फैलाते रहना और समुदाय के साथ सच्चे तौर पर जुड़ना ही इसका समाधान है.हमें उम्मीद है कि भविष्य में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देना इस दिशा में अगला जरूरी कदम होगा".

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