बीआरडी से मरीजों को बरगलाकर ईशु में भर्ती कराने वाले गिरोह पर गैंगस्टर
Gorakhpur News - -17 फरवरी 2024 को फर्जी तरह से संचालित ईशु अस्पताल में गलत इलाज से हुई थी मरीज की मौत -17 फरवरी 2024 को फर्जी तरह से संचालित ईशु अस्पताल में गलत इलाज

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बीआरडी मेडिकल कॉलेज व अन्य सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर बिना डॉक्टर के अस्पताल में लाकर जान लेने वाले गिरोह पर पुलिस ने गैंगस्टर का केस दर्ज किया है। पैडलेगंज में संचालित होने वाले ईशु अस्पताल की महिला संचालक समेत 12 लोगों को आरोपित बनाया गया है। ये सभी मरीजों को ईशु अस्पताल में लेकर आते थे, जहां पर कोई भी डॉक्टर नहीं था और सामान्य पढ़ाई करने वाले ही डॉक्टर बने बैठे थे। इसमें से एक आरोपित नितिन यादव वर्तमान में अपने गांव का प्रधान भी है। 17 फरवरी 2024 को ईशु अस्पताल में मरीज की मौत के बाद मामला खुलकर सामने आया था।
तब पुलिस की रिपोर्ट पर आगे आए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने रात में ही जांच की थी। ईशु अस्पताल की जांच की गई तो पता चला कि वहां पर उस दिन तीन मरीज भर्ती थे, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं था। हॉस्पिटल में मात्र पैरामेडिकल स्टॉफ उपस्थित था, जिनकी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा इन फार्मेसी थी। पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा यह बताया गया कि हॉस्पिटल रेनू पत्नी नितिन यादव द्वारा संचालित किया जाता है। अस्पताल डॉ. रणंजय प्रताप सिंह के नाम से पंजीकृत है। हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों द्वारा पता चला कि तीनों मरीज पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के लिए गए थे, जहां पर अभियुक्तों द्वारा बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की उचित स्वास्थ्य सुविधाओं के ना होने की बात कहकर निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए प्रेरित किया गया। जिसके बाद तीमारदारों को बरगलाकर निजी एंबुलेंस से मरीज को ईशू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। ईशू हास्पिटल में भर्ती कराने के बाद हॉस्पिटल संचालक के साथ अभियुक्तों द्वारा मिलकर तीमारदारों से लाखों रुपये जमा करा लिया गया। बाद में मरीज को उपचार नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई थी। ........ मृत को जीवित बता ऐंठ रहे थे रकम मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर दवा और इन्जेक्शन के लिए ले रहे थे रकम गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। पैडलेगंज में संचालित होने वाले ईशु अस्पताल की जांच में सामने आया था कि मौत के बाद अस्पताल के संचालक नितिन व अमन द्वारा मृतक के मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर और उसे जीवित बताकर दवा व इन्जेक्शन के लिए धोखे से रूपये लिए जा रहे थे। जबकि मरीज की मौत पहले हो चुकी थी । आरोपी अन्य दो मरीजों से भी दवा व इन्जेक्शन के नाम पर काफी पैसा ले चुके थे। जांच में पता चला कि दीपू, अजीत, अमन, अजय व इन्द्रजीत अस्पतालों की दलाली करते हैं । इस गिरोह में अस्पताल संचालक रेनू उनके पति नितिन व नितिन के भाई अमन, बीआरडी के ट्राली मैन दिनेश व अन्य भी शामिल हैं। ये सभी मरीजों को बीआरडी से गेट पर ही ट्राली मैन व अन्य की सहायता से निजी हास्पिटल में लाकर भर्ती कराते हैं और उसके बदले अस्पताल संचालक इन्हे आर्थिक लाभ देते है। ........ एसएसपी के पहल पर एसपी सिटी ने की थी कार्रवाई प्रकरण में तत्कालीन एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर के निर्देश पर तत्कालीन एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कार्रवाई की थी। मरीज की मौत की सूचना पर वह खुद एक एंबुलेंस का पीछा करते हुए मौके तक पहुंचे थे और उनकी ही सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हुई थी और पूरी कार्रवाई हो सकी थी। ........ वर्जन मरीजों को बरगलाकर सरकारी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल में लेकर आकर आने वालों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। जमानत पाए आरोपितों की फिर से गिरफ्तारी की जाएगी। आरोपितों के अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों की जानकारी कर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
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