सरना धर्म कोड को भी जाति जनगणना में शामिल करें: झामुमो
धनबाद में झामुमो ने जाति जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर धरना दिया। नेता लक्खी सोरेन ने कहा कि सरना धर्म हमारी आत्मा है और इसका कोड न देना आदिवासियों की पहचान का अपमान है।...

धनबाद, विशेष संवाददाता जाति जनगणना में सरना धर्म कोड को भी शामिल करने के लिए झामुमो ने मंगलवार को रणधीर वर्मा चौक पर धरना दिया। केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की। सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग की। रणधीर वर्मा चौक पर नुक्कड़ सभा भी की गई। झामुमो के नेता-कार्यकर्ता जिला परिषद मैदान पहुंचे। यहां से जुलूस लेकर रणधीर वर्मा चौक पहुंचे। नुक्कड़ सभा में जिलाध्यक्ष लक्खी सोरेन ने कहा कि सरना धर्म हमारी आत्मा है। इसे जनगणना में कोड न देना आदिवासियों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का अपमान है। केंद्र सरकार आदिवासियों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रही है।
झामुमो इसके विरोध में हरस्तर पर संघर्ष करेगा। मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य डॉ नीलम मिश्रा ने कहा कि झारखंड विधानसभा ने 2020 में सर्वसम्मति से सरना धर्म कोड के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद भी केंद्र सरकार अब तक चुप है। यह चुप्पी अन्याय का प्रतीक है। हम मांग करते हैं कि जनगणना 2025 से पहले सरना धर्म कोड को मान्यता दी जाए एवं देश के करोड़ों आदिवासियों के साथ न्याय किया जाएं। अगर केन्द्र सरकार हमारी मांग पर सकारात्मक पहल नहीं करती है तो झामुमो दिल्ली तक आंदोलन करेगा। मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। धरना के बाद जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से केंद्र सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम में रमेश टुडू, जग्गू महतो, सुखलाल मरांडी, डबलू महथा, काजी सिराज अहमद, कंसारी मंडल, अल्लाउद्दीन अंसारी, कालीचरण महतो, अजय रवानी, तपन तिवारी, मनोज महतो, रंजीत महतो, मनोज रवानी, किशोर मुर्मू, मंटू चौहान, रामू मंडल, बंटी सिंह, मिहिर दत्ता, राजू प्रमाणिक, आकाश रवानी, रतिलाल टुडू, समीर रवानी, अमित महतो, देबू महतो, मीना हेम्ब्रम आदि थे।
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