Preparation Take Action Against Jaipur Heritage Former Mayor Munesh Gurjar and 9 Councilors Here Full Story जयपुर हेरिटेज पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर समेत 9 पार्षदों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जाने पूरा मामला, Jaipur Hindi News - Hindustan
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जयपुर हेरिटेज पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर समेत 9 पार्षदों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जाने पूरा मामला

जयपुर नगर निगम हेरिटेज से जुड़ा एक बड़ा प्रशासनिक विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता नजर आ रहा है। पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटाए जाने के बाद अब राज्य सरकार द्वारा तत्कालीन डिप्टी मेयर और नौ पार्षदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरThu, 29 May 2025 03:22 PM
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जयपुर हेरिटेज पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर समेत 9 पार्षदों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जाने पूरा मामला

जयपुर नगर निगम हेरिटेज से जुड़ा एक बड़ा प्रशासनिक विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता नजर आ रहा है। पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटाए जाने के बाद अब राज्य सरकार द्वारा तत्कालीन डिप्टी मेयर और नौ पार्षदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। नगरीय विकास एवं आवास (यूडीएच) मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस मामले में जल्द ही गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बात कही है।

यह पूरा मामला जून 2023 का है, जब जयपुर नगर निगम हेरिटेज के तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने माणक चौक थाने में एक गंभीर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। FIR में आरोप लगाया गया कि उन्हें तत्कालीन मेयर, उनके पति, डिप्टी मेयर और कई पार्षदों ने कार्यालय में बंधक बनाकर धमकाया, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और जबरन फाइलों पर दस्तखत कराए। मामला राजकार्य में बाधा डालने और मानसिक प्रताड़ना से जुड़ा है, जो अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम समेत कई धाराओं में दर्ज किया गया।

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब एडिशनल कमिश्नर को अस्थाई सफाई कर्मचारियों की फाइलों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। तत्कालीन मेयर मुनेश गुर्जर ने पार्षदों के साथ मिलकर उनके निलंबन की मांग करते हुए धरना शुरू किया था। मामला इतना बढ़ा कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिससे धरना तो समाप्त हो गया, लेकिन विवाद ने कानूनी रूप ले लिया।

FIR में नामजद नेताओं में पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर, उपमहापौर अस्लम फारुखी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, शफीक कुरैशी, सुनिता मावर, राबिया गुडएज, अंजलि ब्रह्मभट्ट, फरीद कुरैशी सहित पार्षद पति मोहम्मद अख्तर, आयशा सिद्दीकी, फूलचंद, शाकिर और सुशील गुर्जर शामिल हैं।

इन सभी आरोपियों ने FIR को निरस्त कराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद अब प्रशासन ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज करने के संकेत दिए हैं।

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने साफ किया है कि इस प्रकरण को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। विभागीय जांच भी तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है और राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। आने वाले दिनों में निगम की राजनीति में इस कार्रवाई से बड़ा भूचाल आ सकता है।

यह मामला न केवल नगर निगम के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े करता है, बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेप और दबाव के चलते अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। सरकार की सख्ती से संकेत मिल रहा है कि अब इस प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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