साइबर जागरूकता है हमारे डिजिटल भविष्य की सुरक्षा: अलखनाथ
कार्यशाली में उपस्थित निदेशक अलखनाथ पांडेय व अन्य आरके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी विषय पर कार्यशाला संपन्न गढ़वा,

गढ़वा, प्रतिनिधि। आरके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के तत्वावधान में सत्र 2025-26 का इनहाउस ट्रेनिंग रविवार को आरकेवीएस के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यशाला में आरके ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस अंतर्गत संचालित सभी स्कूल आरकेपीएस गढ़वा, श्रीबंशीधर नगर, ऊंचरी (मझिआंव) और हूर के शिक्षक-शिक्षिकाएं सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन स्कूल के निदेशक सह शिक्षाविद् अलखनाथ पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर उन्होंने कहा कि साइबर जागरुकता ही हमारे डिजिटल भविष्य की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के विकास में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उससे पहले विशिष्ट अतिथि सह मुख्य रिसोर्स पर्सन डीएवी स्कूल भवनाथपुर के शिक्षक संतोष कुमार गुप्ता व ट्रस्ट द्वारा संचालित सभी स्कूलों के प्राचार्यों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।
कार्यशाला का विषय साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी की चर्चा करने और विस्तार से हर बातों को साझा करने के लिए रिसोर्स पर्सन के रुप में संतोष कुमार गुप्ता, विकास तिवारी, रुपेश पाण्डेय, सुधांशु कुमार और इम्तियाज खान थे। मौके पर निदेशक ने कहा कि किसी भी समाज के विकास में उस क्षेत्र के शिक्षकों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक शिक्षक न केवल बच्चों को शिक्षा देता है बल्कि आने वाले समय में बच्चों को किस प्रकार से अपना व समाज का विकास करना है, समाज में किस प्रकार से व्यवहार करना है उसमें भी शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है। वर्तमान समय में अत्याधुनिक तकनीक व मनोरंजन के विभिन्न संसाधनों के बीच बच्चों में रचनात्मक तरीके से नैतिकता विकसित करने के लिए बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ नैतिक शिक्षा देने की अपील की। साइबर सिक्योरिटी विषय पर कहा कि वर्तमान में मनोरंजन के अनगिनत संसाधन उपलब्ध हैं। जहां उनका एक सकारात्मक पहलू है। वहीं आधुनिक तकनीक के माध्यम से फैलने वाली नकारात्मकता पर भी इनकार नहीं किया जा सकता। वर्तमान समय में लगभग सभी बच्चों के पास मोबाइल फोन होता है। उसका इस्तेमाल वह अपने ज्ञान को बढ़ाने व मनोरंजन के लिए करते हैं। वहीं कई बार साइबर सिक्योरिटी की सही जानकारी नहीं होने के कारण काफी गंभीर परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों से बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर ध्यान रखने की अपील की। साइबर अपराध से बचने के लिए अनजान लोगों से संपर्क नहीं करना चाहिए। अगर वह आपके अपरिचित व्यक्ति हों तो भी उसकी पड़ताल करें। अंजान फोन, वीडियो कॉल, ईमेल, लिंक, एसएमएस को ओपन न करें। व्यक्तिगत जानकारियों को शेयर न करें। हमारी छोटी सी चूक भी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। मौके पर वित्तीय धोखाधड़ी व लॉटरी घोटाले, पहचान की चोरी, फिशिंग, विशिंग और स्मिशिंग, इंटरनेट ब्राउजिंग की सुरक्षा और साइबर स्वच्छता, इंटरनेट की लापरवाही से होने वाले खतरे, साइबर सुरक्षा और अच्छे डिजिटल आदतों पर जागरुकता से संबंधित चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन अनुप कुमार पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन संतोष पांडेय ने किया। कार्यशाला के प्रारंभ में बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को निदेशक के द्वारा प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया । मौके पर एलके ओझा, राजेश पांडेय, नसरीन हक, राजेश कुमार, अनिता सिन्हा, राज कुमार, शहेला खान, अभिलाषा तिवारी, पूनम राय व अन्य सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थी।
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