अधूरे पड़े कस्तूरबा स्कूल को छात्राओं के हित में पूरा कराए प्रशासन
सगमा प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य 8 वर्षों से अधूरा है। अभिभावकों का कहना है कि छात्राओं को धुरकी में पढ़ाई करने में कठिनाई होती है। स्थानीय छात्राओं को अन्य प्रखंडों के...

अभिभावकों ने कहा-छात्राओं को धुरकी में रहकर पढ़ाई करने में होती है परेशानी सगमा, प्रतिनिधि। प्रखंड कार्यालय के निकट समीप 4.25 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय भवन का निर्माण कार्य राशि के अभाव में करीब 8 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। उक्त कारण का सगमा प्रखंड का कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का लाभ स्थानीय छात्राओं को नहीं मिल रहा है। प्रखंड की छात्राओं को धुरकी प्रखंड मुख्यालय में संचालित कस्तूरबा स्कूल में पढ़ाई करनी पड़ती है। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही प्रखंड के लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि स्थानीय स्तर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय बन जाने से यहां की छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे प्रखंड के विद्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा।
अपने ही प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राएं शिक्षा ग्रहण करेंगी। काम बंद होने के बारे में बताया जाता है कि गांव के कुछ लोगों के द्वारा वर्ष 2019 में ही कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का निर्माण डूब क्षेत्र में कराए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री जन संवाद में किया गया था। उसके बाद भवन निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग व श्री बंशीधर नगर के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा जांच पड़ताल की गई थी। उसी समय से भवन निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है। मगर अभी तक उसका कोई निराकरण नहीं हो सका। उक्त कारण आज भी प्रखंड की छात्राएं धुरकी प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पर निर्भर हैं। जानकारी के मुताबिक विधायक भानु प्रताप शाही ने वर्ष 2017 में बड़ी ही तामझाम के साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का शिलान्यास किया था। शिलान्यास के बाद अभिकर्ताओं द्वारा निर्माण कार्य चालू कर दिया गया। पहला तल्ला तैयार कर दूसरे तल्ले को बनाने की तैयारी की जा रही थी। उसके बाद से भवन निर्माण का काम ठप हो गया। स्थानीय ग्रामीणों ने बतलाया कि कस्तूरबा विद्यालय का भवन निर्माण शुरू होने से हम लोगों को काफी उम्मीद जगी थी कि अब हम लोगों की बच्चियों को पढ़ाई के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। विभागीय लापरवाही के कारण में खजियामा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ::बॉक्स:: कस्तूरबा विद्यालय का भवन बन जाता तो यहां की छात्राओं को धुरकी में रहकर पढ़ाई नहीं करना पड़ता। बच्चियों को दूसरे प्रखंड में जाकर पढ़ने से अभिभावक भी चिंतित रहते हैं। प्रशासन को छात्राओं के हित में विद्यालय भवन का निर्माण पूरा कराना चाहिए। अखिलेश राम, स्थानीय निवासी ::बॉक्स:: कस्तूरबा स्कूल बनने की सूचना पर खुशी हुई थी। भवन बनकर तैयार हो जाता कि यहां की छात्राओं को पढ़ाई करने में काफी सहूलियत होती। प्रशासन चाहिए कि बालिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके हित में अधूरे विद्यालय भवन का निर्माण पूरा कराए। माया देवी, स्थानीय निवासी ::बॉक्स:: कस्तूरबा भवन नहीं रहने के कारण सगमा प्रखंड की छात्राओं को धुरकी पर आश्रित रहना पड़ता है। उससे परिवार और छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधूरे भवन को छात्राओं के हित में पूरा कराया जाना चाहिए। सुनील कुमार, स्थानीय निवासी ::बॉक्स:: आवासीय विद्यालय कस्तूरबा गांधी का भवन निर्माण विभागीय लापरवाही के कारण बंद हो गया। बालिक शिक्षा के हित में यह सही नहीं रहा। प्रशासन को चाहिए कि सभी तरह की अड़चनों को दूर कर अधूरे पड़े कस्तूरबा स्कूल का काम पूरा कराए ताकि प्रखंड की बेटियों को स्थानीय स्तर पर ही शिक्षा मिले। मुख्तार आलम, स्थानीय निवासी ::बॉक्स::कस्तूरबा विद्यालय भवन पूरा नहीं बनने के कारण यहां की छात्राओं को दूर के आवासीय विद्यालय में रहकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ता है। उसके कारण संबंधित छात्राओं के परिजन भी नाहक चिंतित रहते हैं। स्थानीय स्तर पर बन रहे विद्यालय भवन का निर्माण प्रशासन पूरा कराए। प्रमोद सिंह, स्थानीय निवासी ::बॉक्स:: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का भवन नहीं रहने के कारण आज कई वर्षों से यहां की छात्राओं को धुरकी में रह कर शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है। यह दुखद है। विभागीय लापरवाही का खमियाजा स्थानीय छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। विभाग सभी अड़चनों को दूर कर निर्माण पूरा कराए। राजेंद्र यादव, स्थानीय निवासी ::बॉक्स:: प्रशासन को जनहित में अधूरे कस्तूरबा विद्यालय भवन को पूरा करना चाहिए ताकि यहां की छात्राओं को स्थानीय स्तर पर ही शिक्षा मिले। बालिका शिक्षा के हित में प्रशासन को अधूरे पड़े विद्यालय का निर्माण कार्य पूरा कराना चाहिए। राजेंद्र ठाकुर, स्थानीय निवासी ::बॉक्स::कस्तूरबा विद्यालय आवासीय भवन का निर्माण पूरा होना चाहिए। उससे यहां की छात्राओं को स्थानीय स्तर पर ही शिक्षा मिल सके। बहुतेरे अभिभावक अपनी बच्चियों को बाहर नहीं भेजना चाहते हैं। उससे बेटियों की पढ़ाई में ग्रहण लग जाता है। उसका ध्यान प्रशासन को रखना चाहिए। अंकित कुमार रजक, स्थानीय निवासी ::बॉक्स::आठ वर्षों से विद्यालय भवन का काम अधूरा है। विद्यालय भवन का निर्माण पूरा करने में आ रही अड़चनों को दूर कर उसे पूरा कराना चाहिए ताकि स्थानीय स्तर पर ही बेटियों को सर्वसुलभ शिक्षा मिले। ग्रामीणों को भी सहयोग करने की जरूरत है। अश्विनी यादव, स्थानीय निवासी
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