धूमधाम से मनाया गया वट सावित्री का त्योहार, महिलाओं ने की अमर सुहाग की कामना
फोटो गोदरमाना एक: गोदरमाना में वट सावित्री त्योहार पर पूजा अर्चना करती सुहागिन महिलाएं जिला मुख्यालय से लेकर सुदूरवर्ती गांवों तक महिलाओं ने वट सावित

गढ़वा, हिटी। जिला मुख्यालय से लेकर सुदूरवर्ती गांवों तक महिलाओं ने वट सावित्री का त्योहार धूमधाम से मनाया। सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक वेषभूषा में पहुंचकर वट वृक्ष के फेरे लगाकर रक्षा सूत्र बांधा। वहां उन्होंने कथा का श्रवण किया। वट सावित्री का त्योहार कर रही महिलाओं ने अमर सुहाग के लिए पति की दीर्घायु जीवन की कामना की। जिलातंर्गत मेराल प्रखंड मुख्यालय सहित सुदूरवर्ती गांवों में भी वट सावित्री का त्योहार महिलाओं ने धूमधाम से मनाया। सुहागिन महिलाओं ने पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पति की दीर्घायु व सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए वट सावित्री व्रत किया। प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुहागिन महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर वट वृक्ष की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद परिक्रमा करते हुए धागा लपेट बांस के पंखे से वट वृक्ष को झलते हुए पूजा कर अपने पति की दीर्घायु और सुख में वैवाहिक जीवन की कामना की।
वट वृक्ष के पास ही सावित्री और सत्यवान की कथा सुनी। वहीं सोनतटीय सुदूरवर्ती केतार प्रखंड में भी पति की लंबी उम्र और अखंड सुहाग की कामना के साथ अहले सुबह से ही वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर रक्षासूत्र बांधा। भगवान भोलेनाथ से अपने अखंड सुहाग की कामना के साथ पति के लिए लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगा। पूजा अर्चना को लेकर वट वृक्ष के पास महिलाओं की भारी भीड़ दोपहर एक बजे तक लगी रही। उधर बड़गड़ प्रखंड मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में भी वट सावित्री पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय रामलीला मैदान स्थित वटवृक्ष के पास सुहागिन महिलाओं ने पारंपरिक रूप से पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ वट सावित्री व्रत का पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर अमर सुहाग की कामना की। उक्त अवसर पर बड़गड़ प्रखंड मुख्यालय सहित टेंगारी, मुटकी, उगरा, गोठानी, बोडरी, परसवार, टेहरी, महुआटीकर सहित अन्य गांवों की सुहागिन महिलाओं ने प्रातः स्नान कर शुद्धता के साथ सोलह श्रृंगार कर वटवृक्ष के नीचे विधिपूर्वक पूजा की। पूजा के दौरान सुहागिनों ने वटवृक्ष की परिक्रमा की और पवित्र कच्चे धागे से वटवृक्ष को लपेटते हुए अपने पति की दीर्घायु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना की। पूजा स्थल पर पंडित कृष्णा पांडेय ने सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण कराया। वहीं रंका सगमा, श्रीबंशीधर नगर सहित अन्य प्रखंडों में भी त्योहार धूमधाम से मनाया गया। श्री बंशीधर नगर में शहर के कई जगहों पर सुहागिन महिलाओं ने पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर वटवृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा के लिए मंदिरों और वटवृक्ष स्थलों पर पहुंचीं। बंशीधर मंदिर, भवनाथपुर मोड़ स्थित हनुमान मंदिर, अहीरपुरवा स्थित काली मंदिर, अधौरा, टीडीएम कॉलेज, हेन्हो मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर, चेचरिया स्थित पंचमुखी मंदिर, सर्वेश्वरी समूह आश्रम, राजा पहाड़ी स्थित शिव मंदिर सहित अन्य जगहों पर महिलाओं ने वटवृक्ष की परिक्रमा कर धागा बांधा। वहीं सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी। मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लेकर उसे पुनर्जीवित किया था। तभी से यह व्रत सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और पारिवारिक सुख-शांति के लिए करती हैं।
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