National Science Day Seminar at Ghatshila College Celebrates C V Raman s Legacy घाटशिला कॉलेज में दो दिवसीय विज्ञान दिवस समारोह संपन्न, Ghatsila Hindi News - Hindustan
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घाटशिला कॉलेज में दो दिवसीय विज्ञान दिवस समारोह संपन्न

घाटशिला महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। दूसरे दिन सी. वी रमन के जीवन और विज्ञान पर सेमिनार हुआ। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वन...

Newswrap हिन्दुस्तान, घाटशिलाThu, 6 March 2025 05:26 PM
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घाटशिला कॉलेज में दो दिवसीय विज्ञान दिवस समारोह संपन्न

घाटशिला। घाटशिला महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ आर के चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के दूसरे दिन सी. वी रमन के जीवन एवं विज्ञान दिवस विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैज्ञानिक सी वी रमन के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।अपने स्वागत वक्तव्य में रसायन विज्ञान के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए, अपने अंदर वैज्ञानिक चिंतन विकसित करना चाहिए। तत्पश्चात वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष डॉ संजेश तिवारी ने विद्यार्थियों के अंदर जागरूकता पैदा करने के लिए वन संरक्षण के ऊपर विभिन्न स्लाइड प्रस्तुत किया। उन्होंने स्लाइड के माध्यम से मानवीय जीवन में पेड़ों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। फिजिक्स डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ कन्हाई बारिक ने सीवी रमन के जीवन एवं विज्ञान दिवस के ऊपर स्लाइड प्रदर्शित किया और उसके माध्यम से बताया कि विज्ञान कोई विषय मात्र नहीं है, यह एक वस्तुनिष्ठ सोच पद्धति है। वैज्ञानिक जो कहते हैं वह विज्ञान नहीं है, उनकी कही बातें अगर परीक्षण के बाद प्रमाणित होता है, तब उस सोच को हम वैज्ञानिक सोच कह सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सीवी रमन का विज्ञान के प्रति रुचि इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपना स्थाई आईएफएससी की नौकरी छोड़ अस्थाई कम वेतन वाले अध्यापक की नौकरी कोलकाता में ज्वाइन कर ली। सीवी रमन ने पूरे जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन करते हुए उच्च स्तरीय शोध कार्य संपन्न किया। इसी के बदौलत गुलाम भारत में बिना आधुनिक यंत्र के भी विश्व स्तरीय खोज किया। उनके चलते हमारे देश को पहली बार भौतिकी में 1930 ईस्वी में नोबेल पुरस्कार मिला।

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