Baijnath Jalan College Faces Faculty Shortage Academic Environment Remains Strong बीएन जालान कॉलेज सिसई में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद कायम है बेहतर शैक्षणिक माहौल, Ghumla Hindi News - Hindustan
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बीएन जालान कॉलेज सिसई में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद कायम है बेहतर शैक्षणिक माहौल

फोटो नं. 19 बीएन जालान का मुख्य कैंपस। फोटो नं. 19 बीएन जालान का मुख्य कैंपस।फोटो नं. 19 बीएन जालान का मुख्य कैंपस।फोटो नं. 19 बीएन जालान का मुख्य कैंपस।

Newswrap हिन्दुस्तान, गुमलाFri, 30 May 2025 12:47 AM
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बीएन जालान कॉलेज सिसई में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद कायम है बेहतर शैक्षणिक माहौल

सिसई, प्रतिनिधि । बैजनाथ जालान महाविद्यालय सिसई में शिक्षक -शिक्षकेत्तर कर्मियों की कमी के बावजूद शैक्षणिक माहौल बेहतर बना हुआ है। महाविद्यालय में बीए, बीकॉम की पढ़ाई के साथ-साथ हिंदी,नागपुरी, कुड़ुख, अंग्रेजी, इतिहास, और राजनीति विज्ञान सहित पांच विषयों में एमए की पढ़ाई भी संचालित हो रही है। फिलहाल महाविद्यालय में लगभग 2300 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इतिहास, उर्दू, मनोविज्ञान और वाणिज्य विभागों में एक भी शिक्षक न होने के कारण ये विभाग बंद होने के कगार पर हैं। महाविद्यालय में कुल 64 शिक्षक पद हैं। इसके विरूद्ध वर्तमान में मात्र 20 शिक्षक ही कार्यरत हैं। जिनमें 11 स्थायी एवं नौ आवश्यकता आधारित शिक्षक शामिल हैं।

शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की स्थिति भी चिंताजनक है। जहां तृतीय वर्ग के छह एवं चतुर्थ वर्ग के केवल पांच कर्मचारी कार्यरत हैं। इससे प्रशासनिक कार्यों के निष्पादन में बाधा आती है और कर्मियों पर कार्यभार बढ़ जाता है।महाविद्यालय में हिन्दी, संस्कृत, नागपुरी, कुड़ुख, खड़िया, मुंडारी, अंग्रेजी, उर्दू, इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र, मानव विज्ञान, दर्शन शास्त्र, मनोविज्ञान एवं वाणिज्य जैसे अनेक विषय पढ़ाए जाते हैं। साथ ही एनसीसी और एनएसएस की यूनिट भी सक्रिय हैं। जिनमें छात्र-छात्राएं अच्छे प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। ....... प्राचार्य प्रो. अमिताभ भारती ने बताया कि महाविद्यालय में अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के हैं। जिनमें लड़कियों की संख्या अधिक है, जो बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान को सार्थक कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक कमी के बावजूद कक्षाएं सुचारु रूप से चल रही हैं, लेकिन इतिहास, उर्दू, मनोविज्ञान और वाणिज्य विषयों में शिक्षक न होने से पढ़ाई में कठिनाई होती है। इन विषयों के लिए विश्वविद्यालय से शिक्षक नियुक्ति की मांग की गई है। .............. महाविद्यालय के प्रधान सहायक सुरेश साहु ने कहा कि पूर्व में महाविद्यालय में 34 तृतीय वर्ग और 28 चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन अब मात्र छह तृतीय वर्ग और पांच चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी हैं। इसके कारण एक कर्मचारी को कई विभागों के कार्य संभालने पड़ते हैं,जबकि चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कार्यालय के काम भी देख रहे हैं।

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