रांची के सेमिनार में शामिल हुए गांडेय के किसान
गांडेय प्रखंड के चार किसानों ने रांची में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेकेंडरी एग्रीकल्चर में सेमिनार में भाग लिया। किसानों को प्राकृतिक खेती और उत्पादन बढ़ाने की तकनीकें सिखाई गई। विशेषज्ञों ने रासायनिक खाद...

गांडेय, प्रतिनिधि। गांडेय प्रखंड के विभिन्न स्थानों से कृषि विज्ञान केन्द्र से चयनित किसान अरुण कुमार, आरती वर्मा, तरुणा मुर्मू और अभिव्यक्ति फाउंडेशन के भीम प्रसाद सिंह रविवार को रांची के नामकुम स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेकेंडरी एग्रीकल्चर में आयोजित सेमिनार में शामिल हुए। सोमवार को गांडेय वापस लौटने के बाद किसानों ने उक्त कार्यशाला के संबंध में जानकारी दी। किसानों ने बताया कि सेमिनार में शामिल किसानों को प्राकृतिक खेती और उत्पादन बढ़ाने की तकनीकें सिखाई गई। सेमिनार में डायरेक्टर जनरल डा. हिमांशु पाठक और आईसीएआर, नई दिल्ली के डायरेक्टर डा. राजबीर सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे बताए।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है। इससे बिना रसायन की फसल नहीं होती। रसायनयुक्त फसलें स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हैं। प्रशिक्षकों ने विलुप्त हो रही साठी धान, जोंगा धान, कोदो, गोंदली, मडुआ, ज्वार और बाजरा जैसी अनाज की प्रजातियों को बचाने पर जोर दिया। कहा कि ये फसलें न केवल मिट्टी को स्वस्थ रखती हैं, बल्कि शरीर के लिए भी लाभकारी हैं। किसानों से अपील की गई कि वे इन पारंपरिक फसलों की खेती करें और इन्हें बचाने में योगदान दें।
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