शिवसेना नेता की हत्या के पांच महीने बाद आरोपी भाई गिरफ्तार, खदान में मिला था शव
पालघर में शिवसेना नेता अशोक धोडी की हत्या कर दी गई थी। उनका शव एक खदान में पाया गया था। अब उनके आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पालघर के शिवसेना नेता अशोक धोडी के अपहरण और हत्या के बाद करीब पांच महीने से फरार आरोपी उनके भाई अविनाश धोडी को रविवार को तड़के सिलवासा से गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पालघर के पुलिस अधीक्षक यतीश देशमुख ने बताया कि 60 वर्षीय आरोपी को एक गुप्त सूचना के आधार पर मोरखल से गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि आरोपी को मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि अविनाश की गिरफ्तारी के साथ, जनवरी में हुए अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर छह हो गई, जबकि तीन अन्य अब भी फरार हैं।
अशोक धोडी (52) का शव उनके लापता होने के चार दिन बाद 23 जनवरी को पड़ोसी राज्य गुजरात में उनकी कार के साथ पानी से भरी खदान में मिला था। देशमुख ने कहा कि अविनाश धोडी अपने भाई अशोक धोडी से नाराज़ था क्योंकि अशोक ने वेवजी ग्राम पंचायत में एक आवेदन देकर उसके घर का पट्टा रद्द करवा दिया था। इसके बाद अविनाश को घर खाली करना पड़ा था।
उन्होंने कहा, “19 जनवरी को जब अशोक धोडी दहानू से अपने घर जा रहे थे, तो आरोपी और उसके साथियों ने वेवजी घाट पर उसकी कार रोकी और उसका अपहरण कर लिया।” अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने बाद में अशोक धोडी की हत्या कर दी और उनके शव और कार को गुजरात के सरीगाम वाडिया पाड़ा में पानी से भरी खदान में धकेल दिया।
अधिकारी ने बताया कि घोलवड़ पुलिस थाने में 27 जनवरी को भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 (3), 140 (1) (हत्या या फिरौती के लिए अपहरण), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 103 (1) (हत्या) और 238 (ए) (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि एक विशेष टीम गठित की गई और घोलवड़, उमरगांव, वापी (गुजरात), दीव दमन, सिलवासा, इंदौर और राजस्थान में तलाशी ली गई।
देशमुख ने खुलासा किया कि अविनाश धोडी को उसके भाई के लापता होने के तुरंत बाद पालघर जिले में घोलवड़ पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, लेकिन वह पुलिस हिरासत से भागने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा चूक के लिए एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और आठ अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जबकि घोलवड़ पुलिस थाना के तत्कालीन प्रभारी का तबादला कर दिया गया था।