सम्मेदशिखर में पांच दीक्षार्थी वैराग्य अपनाएंगे
पीरटांड़ में जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर पर पांच दीक्षार्थियों ने वैराग्य अपनाने के लिए दीक्षा ग्रहण की। इस अवसर पर आर्यिका रत्न स्वस्तिमती माता जी का 101वां अवतरण...

पीरटांड़, प्रतिनिधि। जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर में पांच दीक्षार्थी साधु दीक्षा ग्रहण कर वैराग्य को अपनाएंगे। कार्यक्रम के तहत सोमवार को मधुबन स्थित मध्यलोक भवन में धार्मिक विधान का आयोजन किया गया। साथ ही आर्यिका रत्न स्वस्तिमती माता जी का 101 वां अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान दिन भर मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक विधियां पूरी की गई। बताया जाता है कि शाश्वत तीर्थ सम्मेदशिखर जी स्थित मध्यलोक भवन में आयोजित दीक्षा महोत्सव से मधुबन का माहौल गुंजयमान रहा। मधुबन में साधनारत आर्यिका रत्न स्वस्तिमती माता जी व शुभमती माता जी समेत अन्य साधु साध्वी के सानिध्य में धार्मिक विधान किया गया।
कार्यक्रम के तहत प्रातः भव्य घटयात्रा निकाली गई। घटयात्रा बीसपंथी कोठी से गाजे बाजे के साथ निकलकर मध्यलोक पहुंची। जहां धार्मिक विधान में श्रद्धालु शामिल हुए। गगनभेदी मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अभिषेक शांतिधारा व धार्मिक विधियां पूरी की गई। साधु साध्वी के मंगल सानिध्य में चरित्र शुद्धि व्रत विधियां पूरी की गई। साथ ही स्वस्तिमती माता जी का 101 वां अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया। पूजा आराधना व गुरुभक्ति की गई। श्रद्धालुओं द्वारा गुरु मां को पिच्छी कमंडल व शास्त्र भेंट किया गया। इस दौरान आशीर्वाद सभा पूजा आरती की गई। देर संध्या एक साथ पांच दीक्षार्थी का बिनोली यात्रा निकाली गई। गाजे बाजे के साथ बिनोली यात्रा पूरे मधुबन का भ्रमण की। बुधवार को पांचों दीक्षार्थी को वैराग्य जीवन की दीक्षा प्रदान की जायेगी। एक साथ पांच दीक्षार्थी सांसारिक मोह माया को त्याग कर वैराग्य को अपनाएंगे। साधु जीवन की राह पर धर्म का प्रचार प्रसार करेंगे।
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