निगम के नए क्षेत्र में अबतक नल से पानी नहीं, हर तरफ आक्रोश
गिरिडीह में भीषण गर्मी के कारण पानी संकट गहरा गया है। पचंबा के क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बेहद खराब है, जिससे लोग रात में सो भी नहीं पा रहे हैं। नगर निगम ने जलापूर्ति पर 3.45 करोड़ रुपए खर्च किए...

गिरिडीह, प्रतिनिधि। भीषण गर्मी का पारा जैसे-जैसे चढ़ रहा है, गिरिडीह नगर निगम का तंत्र भी हांफ रहा है। पूरे शहर की बात करें तो गंभीर बन रहे पानी संकट लोगों को रात में सही से सोने नहीं दे रहा है। पचंबा को भले ही गिरिडीह की उपनगरी कहा जाता हो, लेकिन यहां पानी की आपूर्ति शहर से भी बदतर स्थिति में है। संतोष चौरसिया, मुकेश कुमार, गिरेन्द्र यादव, अली अहमद ने कहा कि पचंबा के इलाकों में 30 मिनट भी सुचारु पानी चल जाए तो काफी है। एक तो पानी का प्रेशर कम रहता है, ऊपर से पानी आपूर्ति 20 मिनट तक ही होती है।
लोगों को भीषण गर्मी में पानी तरसा रही है, जबकि नगर निगम का कहना है कि शहरी जलापूर्ति पर वह सालाना साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च कर रही है, ताकि पचंबा ही नहीं, पूरे शहर को निर्बाध पानी मिल सके। शहरी जलापूर्ति पर 3.45 करोड़ खर्च: निजी एजेंसी सांई कंस्ट्रक्शन को नगर निगम शहर में निर्बाध पानी की आपूर्ति के लिए 3.45 करोड़ की मोटी राशि दे रही है। इससे एजेंसी को शुद्ध पानी देने के लिए एलम, ब्लीचिंग सहित अन्य जरुरी सामग्री और कर्मियों को नियमित मानदेय देना है। दूसरी ओर सम्बंधित एजेंसी शहर के इलाकों में व्याप्त पानी के संकट से इंकार कर रही है। एजेंसी का कहना है कि पानी की आपूर्ति सुचारु होती है। जलापूर्ति केन्द्रों से रोज 95 लाख लीटर पानी शहर में भेजा जाता है। अवैध कनेक्शनों से पानी की चोरी हो रही है। इस कारण संकट गहरा रहा है। नई आबादी गर्मी में पानी को तरस रही: पिछले आठ वर्षों से शहर में प्रवेश की नई आबादी इस गर्मी में भी पानी को तरस रही है। इन नई आबादी को शहर में लाकर छह नए वार्ड बनाए गए हैं, जहां नल से पानी आजतक नहीं पहुंच रहा है। अब निगम प्रभावित आबादी को नई डीपीआर से पानी देने का दिलासा दे रही है, जबकि डीपीआर पर कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। ऐसे में इन वार्डों को अगले गर्मी में भी पानी के लिए जूझना पड़ सकता है। इस गर्मी में तो लोग हैंडपंप और कुआं से जैसे-तैसे पानी जुटा रहे हैं। नगर निगम के उपनगर प्रशासक के प्रशांत कुमार लायक ने बताया कि बिजली के चलते संकट पैदा होता है। ऐसे पचंबा और पूरे शहर को निर्बाध पानी दिया जा रहा है। पचंबा में डब्ल्यूटीपी की योजना पर काम हो रहा है, इसके बाद पचंबा को पर्याप्त पानी मिलने लगेगा। कमलजोर और चैताडीह में भी डब्ल्यूटीपी लगाने की योजना है।
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