ऑपरेशन सिंदूर के बाद फिर कैंपों में लौटने लगे आतंकी, PoK में हुए ऐक्टिव; बीएसएफ अलर्ट
BSF ने कहा कि उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स की बिना उकसावे की गोलीबारी और बमबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान की 76 सीमा चौकियों और 42 अग्रिम रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया।

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने मंगलवार को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्चपैड्स और ट्रेनिंग कैंपों में आतंकियों की फिर से वापसी हो रही है। BSF के इंस्पेक्टर जनरल (IG) शशांक आनंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा दोनों से आतंकियों की घुसपैठ की संभावनाओं के इनपुट मिल रहे हैं, जिनसे सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
घुसपैठ की कोई तय तारीख नहीं, लेकिन तैयारी जोरों पर
IG शशांक आनंद ने कहा, "फिलहाल हमारे पास किसी खास दिन की जानकारी नहीं है जब आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन हमें लगातार सूचना मिल रही है कि आतंकी संगठन एक्टिव हैं। वे फिर से अपने कैंपों में लौटे हैं, ट्रेनिंग ले रहे हैं, और ऐसे रास्तों से घुसपैठ की कोशिश करेंगे जहां उन्हें सुरक्षा में ढील महसूस होगी।" उन्होंने आगे कहा कि जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में LoC और IB पर खुफिया एजेंसियों से लगातार इनपुट मिल रहे हैं, इसलिए हर इलाके में सुरक्षा बलों को अलर्ट मोड में रहना होगा।
100 से ज्यादा आतंकियों का सफाया, ऑपरेशन सिंदूर की सटीक स्ट्राइक
भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीओके और पाकिस्तान में मौजूद 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। इसके अलावा पाकिस्तानी ड्रोन हमलों की कोशिशों को भी नाकाम किया गया। 13 मई को ऑपरेशन केलर के तहत चार लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को मार गिराया गया और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
ड्रोन हमले में तीन जवान शहीद, पोस्ट को मिलेगी वीरता की पहचान
10 मई की सुबह पाकिस्तान ने जम्मू के सांबा सेक्टर में BSF की पोस्ट्स पर ड्रोन के जरिए हमला किया। इस हमले में BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार शहीद हो गए। IG आनंद ने कहा, "हम इन शहीदों की बहादुरी को सम्मान देने के लिए दो पोस्ट्स का नामकरण उनके नाम पर करने का प्रस्ताव रख रहे हैं, और एक पोस्ट का नाम ‘सिंदूर’ रखा जाएगा, जो ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाएगा।"
पाकिस्तान की गोलीबारी का माकूल जवाब
उन्होंने यह भी बताया कि 7 मई को जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था, तब यह आशंका थी कि पाकिस्तान जवाब में फायरिंग करेगा। BSF ने इस आशंका को ध्यान में रखते हुए जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र पर चौकसी बढ़ा दी थी। जब पाकिस्तान ने अकारण गोलीबारी की, तो BSF ने उसका करारा जवाब दिया। उन्होंने बताया, “हमारे निगरानी उपकरणों में यह सब रिकॉर्ड हुआ है। हमने पाकिस्तान में मौजूद तीन आतंकी लॉन्चपैड्स को भी निशाना बनाकर नष्ट किया है। यह संदेश स्पष्ट है – भारत किसी भी आतंकी घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) शशांक आनंद ने कहा कि खुफिया जानकारी से पुष्टि हुई है कि कई ‘लॉन्च पैड’ नष्ट हुए हैं तथा सटीक हमलों के दौरान आतंकवादियों और पाकिस्तानी रेंजर्स में से कई की मौत हो गई। आईजी ने कहा, ‘‘चिकन नेक क्षेत्र के सामने लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्च पैड को 9-10 मई की रात को एक विशेष हथियार प्रणाली का उपयोग करके नष्ट कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अब भी अपनी साझेदार एजेंसियों के साथ समन्वय में कुल नुकसान का आकलन कर रहे हैं। तीन लॉन्च पैड और कई चौकियां नष्ट की गईं। पाकिस्तानी रेंजर्स ने (अपने क्षेत्र के) कई गांव खाली करा लिए थे।’’
‘आतंकी लॉन्च पैड’ को भी नष्ट किया
बीएसएफ ने बताया कि उसने उन तीन ‘आतंकी लॉन्च पैड’ को भी नष्ट किया, जहां से आतंकवादियों के घुसपैठ की आशंका थी। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ की यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा 60 भारतीय चौकियों और 49 अग्रिम रक्षा ठिकानों पर भारी गोलीबारी और बमबारी शुरू करने के बाद हुई, जिसका मकसद कथित तौर पर 40-50 आतंकवादियों को सीमा पार घुसपैठ कराना था। बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) चित्रपाल सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘पाकिस्तान ने हमारी 60 सीमा चौकियों और 49 अग्रिम रक्षा ठिकानों पर गोलीबारी की। जवाब में हमने उनकी 76 चौकियों और 42 अग्रिम रक्षा ठिकानों पर गोलीबारी की।’’ सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा सुंदरबनी सेक्टर के पास संचालित एक प्रमुख ‘आतंकी लॉन्च पैड’ को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब उस क्षेत्र से कोई हलचल नहीं देखी गई है।’’
(इनपुट एजेंसी)