Aamchi vs Tyanchi Mumbai CJI Gavai explains gap between the two in Supreme Court CJI गवई ने समझाया ‘आमची मुंबई’ और ‘त्यांची मुंबई’ के बीच का अंतर, सुप्रीम कोर्ट तक क्यों पहुंची बात?, India News in Hindi - Hindustan
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CJI गवई ने समझाया ‘आमची मुंबई’ और ‘त्यांची मुंबई’ के बीच का अंतर, सुप्रीम कोर्ट तक क्यों पहुंची बात?

सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायधीश जस्टिस गवई ने आमची मुंबई और त्यांची मुंबई को लेकर एक दिलचस्प विवरण दिया है। सीजेआई ने दोनों के बीच के अंतर को भी समझाया है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानTue, 27 May 2025 10:43 PM
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CJI गवई ने समझाया ‘आमची मुंबई’ और ‘त्यांची मुंबई’ के बीच का अंतर, सुप्रीम कोर्ट तक क्यों पहुंची बात?

देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने मंगलवार को गेटवे ऑफ इंडिया के पास यात्री जेटी और टर्मिनल प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। इस दौरान सीजेआई गवई ने ‘आमची मुंबई’ और ‘त्यांची मुंबई’ के बीच के अंतर को भी समझाया है।

बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने आमची मुंबई और एलीट क्लास के इस्तेमाल किए जाने वाले त्यांची मुंबई का जिक्र किया था। इस पर सीजेआई गवई ने कहा, “आमची मुंबई कोलाबा में नहीं रहती है। कोलाबा में केवल त्यांची मुंबई रहती है। आमची मुंबई मलाड, ठाणे, घाटकोपर में रहती है।”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में कोलाबा में यात्री जेटी और टर्मिनल सुविधा के निर्माण के खिलाफ क्लीन एंड हेरिटेज कोलाबा रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने एक याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि यह परियोजना समाज के केवल एक खास वर्ग के लाभ के लिए बनाई जा रही है और बिना किसी जन सुनवाई और मंजूरी के ही इसे तैयार किया जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद कहा, “यह ठीक वैसा ही है जैसे हर कोई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चाहता है, लेकिन खुद घर के पास नहीं। शहर में जब कुछ अच्छा हो रहा होता है, तो हर कोई सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है।”

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एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में सीजेआई गवई के हवाले से बताया, "आप देख सकते हैं कि समुद्र किनारे सड़क होने के क्या लाभ हैं? दक्षिण मुंबई से एक इंसान 40 मिनट में वर्सोवा पहुंच जाता है जबकि पहले इसमें तीन घंटे लगते थे।" मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि इस तरह की परियोजनाओं को वैश्विक स्तर पर लागू किया गया है। सीजेआई ने अमेरिका के मियामी जैसे शहरों का हवाला भी दिया।