Electricity employees proposed work boycott from 29th postponed Sangharsh Samiti told why the decision was taken यूपी में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार टला, संघर्ष समिति ने बताया क्यों लिया फैसला?, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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यूपी में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार टला, संघर्ष समिति ने बताया क्यों लिया फैसला?

यूपी में बिजली निजीकरण को लेकर 29 मई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार फिलहाल नहीं होगा। विद्युत संघर्ष समिति ने मंगलवार को इसका ऐलान किया। इसके पीछे के कारणों को भी साझा किया है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानTue, 27 May 2025 10:50 PM
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यूपी में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार टला, संघर्ष समिति ने बताया क्यों लिया फैसला?

यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण को लेकर 29 मई से आयोजित बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार फिलहाल टल गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इसका ऐलान किया। संघर्ष समिति ने बताया कि निजीकरण का टेंडर अब तक न निकलने की वजह से कार्य बहिष्कार टालने का फैसला लिया गया है। हालांकि संघर्ष समिति ने फैसला लिया है कि गुरुवार से पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन का पूर्ण रूप से असहयोग होगा। इसके साथ ही संगठन कॉरपोरेशन को चेतावनी दी है कि अगर निजीकरण का नोटिस निकलता है तो प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी बिना कोई नोटिस दिए उसी समय सीधी कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन की होगी।

नेशनल कोऑडिर्नेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स ने निजीकरण के विरोध में उप्र के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में 29 मई से देश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने निजीकरण के विरोध में चल रहे प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन को 29 मई से और तेज करने का निर्णय लिया था।

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संघर्ष समिति की आज लखनऊ में हुई मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि बिजली कर्मियों के 181 दिन से चल रहे विरोध के चलते चूंकि प्रबन्धन अभी तक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का टेण्डर करने में विफल रहा है अतः भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ न हो इस दृष्टि से 29 मई से होने वाले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को फिलहाल स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु कोई टेण्डर नोटिस निकाली गयी तो पूरे प्रदेश के समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता बिना और कोई नोटिस दिये उसी समय सीधी कार्यवाही करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की होगी।

अध्यक्ष की मीटिंग का किया बहिष्कार

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बिजली अभियंताओं ने शाम पांच बजे के बाद बहिष्कार कर दिया। यही वजह है कि चेयरमैन जो अब तक निजीकरण के बाद भी सेवाशर्तों में कमी न आने का दावा कर रहे थे, वह अब कर्मचारियों का वेतन और समयबद्ध वेतनमान कम करने की धमकी दे रहे हैं।

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