CJI केंद्रित है सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था, बड़े बदलाव की दरकार; विदाई भाषण में जस्टिस ओका का अहम संदेश
इसी साल नवंबर में सीजेआई बीआर गवई भी रिटायर हो रहे हैं। उनका कार्यकाल छह महीने का ही होगा। वह इसी महीने 14 मई को जस्टिस संजीव खन्ना के रिटायर होने के बाद देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस अभय एस ओका कल (शनिवार, 24 मई को) रिटायर हो रहे हैं। आज (शुक्रवार को) उनका अंतिम कार्यदिवस था। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया था। इस मौके पर बोलेते हुए जस्टिस ओका ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुधार का आह्वान किया है। जस्टिस ओका ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था मुख्य न्यायाधीश पर केंद्रित है और इसमें बड़े बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 34 जज हैं और यह बदलाव दिखना चाहिए।
जस्टिस ओका ने यह भी संकेत दिया कि यह बदलाव नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई के कार्यकाल में हो सकता है, जिन्होंने इसी महीने 14 मई को CJI के तौर पर अपना कार्यभार संभाला है। जस्टिस गवई नवंबर तक इस पद पर रहेंगे। उनके बाद जस्टिस सूर्यकांत देश के अगले सीजेआई होंगे।
SC से ज्यादा लोकतांत्रिक HC: जस्टिस ओका
जस्टिस ओका ने कहा कि हाई कोर्ट्स सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं। उन्होंने कहा, "हाई कोर्ट समितियों के जरिए काम करते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीशों पर केंद्रित अदालत है। इसमें बदलाव की जरूरत है। आप नए सीजेआई के साथ यह बदलाव देखेंगे।" उन्होंने आगे कहा, “पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना (जो 13 मई को सेवानिवृत्त हुए) ने हमें पारदर्शिता के रास्ते पर आगे बढ़ाया। जस्टिस गवई के खून में लोकतांत्रिक मूल्य हैं।”
मुकदमों की लिस्टिंग तर्कसंगत नहीं: जस्टिस ओका
जस्टिस ओका ने कहा कि लोग अकसर शिकायत करते हैं कि कोई भी केस अगले ही दिन लिस्ट हो जाता है, जबकि कई केस कई दिनों बाद भी लंबित ही रहते हैं। इसलिए, जब तक हम मैनुअल हस्तक्षेप को कम से कम नहीं कर देते, तब तक हम बेहतर लिस्टिंग नहीं कर सकते। उन्होंने सुझाव दिया कि AI का इस्तेमाल मुकदमों के तर्कसंगत लिस्टिंग में मदद कर सकता है। विदाई समारोह में उपस्थित समूह को देख जस्टिस ओका ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि हॉल इतना भरा होगा...लोग खड़े होंगे...यहां तक कि बालकनी भी लोगों से भरी होगी। भले ही मैं पद छोड़ रहा हूँ, लेकिन मैं न्याय के लिए काम करना जारी रखूंगा।”