first question my wife asks me is how many are remaining Justice Abhay S Oka reveals in SCAORA Farewell event in SC अब कितने बचे हैं? रोज पूछती थी सवाल; विदाई समारोह में जस्टिस ओका ने पत्नी पर क्यों किया खुलासा, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia Newsfirst question my wife asks me is how many are remaining Justice Abhay S Oka reveals in SCAORA Farewell event in SC

अब कितने बचे हैं? रोज पूछती थी सवाल; विदाई समारोह में जस्टिस ओका ने पत्नी पर क्यों किया खुलासा

जस्टिस ओका का जन्म 25 मई, 1960 को हुआ था। उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से बीएससी और एलएलएम की पढ़ाई पूरी की। 1983 में उन्होंने वकालत पेशा के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एडिशनल जज बनाए गए थे।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 21 May 2025 03:00 PM
share Share
Follow Us on
अब कितने बचे हैं? रोज पूछती थी सवाल; विदाई समारोह में जस्टिस ओका ने पत्नी पर क्यों किया खुलासा

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस अभय एस ओका 25 मई को रिटायर हो रहे हैं। उससे पहले आज (बुधवार, 21 मई को) सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड्स एसोसिएशन (SCAORA) ने उनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया था। इस मौके पर CJI जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि वह और जस्टिस ओका 40 से भी ज्यादा वर्षों से दोस्त हैं। दोनों ने जीएलसी में साथ-साथ पढ़ाई की और साथ में ही प्रैक्टिस शुरू की। जस्टिस गवई ने कहा, "जस्टिस ओका काम के प्रति बहुत समर्पित हैं। मुझे पता है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी वह हमेशा व्यस्त रहेंगे और सेवानिवृत्ति के बाद कभी खाली नहीं रहेंगे।"

इसके बाद जस्टिस ओका ने सीजेआई गवई की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश सच्चे लोकतांत्रिक हैं। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उन्होंने सभी न्यायाधीशों को विश्वास में लिया और तब कुछ प्रस्ताव पारित किए। जस्टिस ओका ने आगे कहा, "मुझे सेवानिवृत्ति शब्द से नफरत है। मैं इसके बारे में कभी नहीं सोचना चाहता था और यही कारण है कि जनवरी से मैंने बहुत सारे मामले उठाए और अब जस्टिस भुयान, जस्टिस मसीह और मैं उ मामलों में फैसले सुनाने के लिए लगातार अथक प्रयास कर रहे हैं।"

जस्टिस ओका ने काम का बोझ और पत्नी का किया जिक्र

जस्टिस ओका ने इसी क्रम में अपनी पत्नी का जिक्र करते हुए कहा, "मेरी पत्नी मुझसे अक्सर यही और पहला सवाल पूछती हैं कि अब कितने बचे हैं। वह जानती हैं कि मेरे पास कितने मामले सुनवाई के लिए लंबित हैं, जिन पर फैसले दिए जाने हैं।" जस्टिस ओका ने काम के प्रति अपने समर्पण को दिखाते हुए कहा कि वह इस परंपरा से बिल्कुल ही सहमत नहीं हैं कि रिटायरमेंट के दिन रिटायर हो रहे जज को काम नहीं करना चाहिए।

विदाई के दिन वाली परंपरा से सहमत नहीं

उन्होंने कहा, "मैंने चीफ जस्टिस से कहा कि मैं इस परंपरा से सहमत नहीं हूं कि जज आखिरी दिन काम नहीं कर सकते। इसलिए मैं अपने आखिरी दिन नियमित बेंच में बैठूंगा और कुछ फैसले सुनाऊंगा। मुझे लगता है कि रिटायर होने वाले जजों को आखिरी दिन काम करना चाहिए और लंच के समय गार्ड ऑफ ऑनर देने का तरीका बदलना चाहिए। जजों को शाम 4 बजे तक काम पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।"

AORs को अधिक ट्रेनिंग देने की जरूरत

जस्टिस ओका ने कहा कि उनका मानना ​​है कि युवा AORs को अधिक ट्रेनिंग देने की जरूरत है और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी का उपयोग युवा वकीलों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "जब पद छोड़ने का समय आएगा तो मैं कुछ और अलग ही बात कहूंगा। मैं एओआर द्वारा दिए गए सहयोग को कभी नहीं भूलूंगा। पिछले सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट को नई दिशा दी थी और नए सीजेआई गवई पारदर्शिता की यात्रा पर इसे और आगे ले जा रहे हैं।" सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने गुरुवार शाम को जस्टिस ओका के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया है।

इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।