Revitalizing Hazaribagh s Historic Old Collectorate Complex for Public and Cultural Use बोले हजारीबाग : पुराने समाहरणालय में बने कला भवन और मल्टीलेवल पार्किंग, Hazaribagh Hindi News - Hindustan
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बोले हजारीबाग : पुराने समाहरणालय में बने कला भवन और मल्टीलेवल पार्किंग

हजारीबाग का पुराना समाहरणालय परिसर शहर के केंद्र में स्थित है, जो अब खाली और अव्यवस्थित है। यहां कला भवन, बहुमंजिला पार्किंग और स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित करने की मांग की जा रही है। इसका पुनः उपयोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागSat, 14 June 2025 11:59 PM
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बोले हजारीबाग : पुराने समाहरणालय में बने कला भवन और मल्टीलेवल पार्किंग

हजारीबाग का पुराना समाहरणालय परिसर शहर के केंद्र में स्थित एक ऐतिहासिक व प्रशासनिक स्थल है, जो वर्षों तक जिले के प्रशासन का मुख्य केंद्र रहा है। नए समाहरणालय भवन के निर्माण के बाद अधिकांश विभाग वहां शिफ्ट हो गए, लेकिन अभी भी कई विभाग के कार्यालय वहां संचालित हैं। परिसर का बड़ा हिस्सा खाली और अव्यवस्थित है। ऐसे में यहां जनहित में नवनिर्माण और सांस्कृतिक-सामाजिक विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। हिन्दुस्तान के बोले हजारीबाग कार्यक्रम के दौरान लोगों ने इस भवन में कला भवन और मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की मांग की। हजारीबाग। हजारीबाग पुराना समाहरणालय परिसर बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है।

नए भवन में दफ्तर शिफ्ट हो जाने के बाद इतने बड़े क्षेत्र का कोई वास्तविक सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। कुछ विभाग के दफ्तर यहां काम कर रहे हैं और कुछ नए विभाग यहां चल रहे हैं, परंतु फिर भी ज्यादातर भवन खाली हैं या ताला बंद है। प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण हजारीबाग में बहुत से विभाग के दफ्तर थे, जिनमें से बहुत से विभाग बंद हो चुके हैं या उनका विलय किसी अन्य विभाग में हो गया है। चूंकि हजारीबाग आज़ादी से पहले 1834 में जिला बना था, इसलिए इसके पास पर्याप्त जमीन है। पुराने एन एच-100 और एन एच-33 के मिलन बिंदु पर अवस्थित यह समाहरणालय दफ्तर बेहद प्राइम लोकेशन पर है। इस लिहाज से इसका हजारीबाग के लोगों के लिए बेहतर उपयोग होना चाहिए। कुछ लोगों का कहना है कि उपायुक्त कार्यालय को हेरिटेज भवन घोषित कर संरक्षण करना चाहिए। उसी तरह पुराने एएसपी ऑफिस को भी, क्योंकि खपड़ा का दफ्तर अब बहुत कम दिखता है। दफ्तर भी मामूली नहीं, आईपीएस रैंक के अधिकारी का है। हजारीबाग में धीरे-धीरे सरकारी जमीन घटती जा रही है। जिला मुख्यालय में तो और भी कम है। एक तो जमीन का कीमत बेहिसाब बढ़ गया है। अवैध अतिक्रमण या अदालत में मुकदमा के कारण कब्जे को चुनौती देते हुए अंतिम निर्णय से पहले हटाना बहुत कठिन है। जब से समाहरणालय परिसर यहां से एन एच-33 पर चला गया है, यहां चहल-पहल घट गई है। जिसके कारण बहुत से लोगों का रोजगार छिन गया है। असंगठित क्षेत्र के बहुत कामगारों को यहां दफ्तर रहने से रोजगार मिलता था। लोगों को भी अलग से ऑटो करके कहीं जाना नहीं पड़ता था। इस परिसर में सार्वजनिक प्रयोग के लिए किसी भवन या अन्य सुविधा की व्यवस्था होनी चाहिए। हजारीबाग में एक कला भवन या एक नए नगर भवन की मांग की जा रही है। आजकल शहर में एक साथ एक ही दिन में कई सरकारी या निजी कार्यक्रम आयोजित होते हैं। उस समय शहर में एक नए नगर भवन की जरूरत होती है। नगर भवन में जहां कम राशि में कोई भी आयोजक कार्यक्रम करवा लेता है, वहीं बाहर इतनी जगह के लिए ज्यादा रकम अदा करना पड़ता है। जैसे-जैसे शहर की आबादी बढ़ रही है, लोगों का कला, नृत्य, नाटक, संगीत के प्रति रुझान बढ़ रहा है। उस परिस्थिति में शहर में एक कला भवन, ड्रामा स्कूल, कला वीथिका की जरूरत पड़ती है। हजारीबाग में एक भी कला भवन, कला वीथिका, ड्रामा स्कूल या रिहर्सल के लायक जगह नहीं है जहां उभरते कलाकार अपनी कला प्रतिभा को मांज सकें, प्रशिक्षित हो सकें, प्रदर्शित कर सकें। उस लिहाज से भी पुराना समाहरणालय परिसर एक बेहतर स्थल हो सकता है। चूंकि वह जगह जिला मुख्यालय का प्रवेश द्वार है, इसलिए अगर भविष्य में शहर को धुआं रहित या ग्रीन ज़ोन बनाना है तो यह बहुमंजिला पार्किंग के लिए बढ़िया जगह साबित हो सकता है। यातायात थाना, साइबर थाना एवं प्रशासकीय दफ्तर एक ही जगह केंद्रित होने से लोगों को अनावश्यक भागदौड़ से राहत मिलती है। नई समाहरणालय परिसर में भी अभी पर्याप्त जगह है। जो भी विभाग यहां चल रहे हैं, उन्हें भी वहीं समायोजित कर लेना चाहिए। प्रस्तुति : गौतम/अनुज सामाजिक और आर्थिक लाभ जनता को मिले हजारीबाग का पुराना समाहरणालय परिसर ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है। नए समाहरणालय के एन एच-33 पर शिफ्ट हो जाने के बाद यह विशाल परिसर धीरे-धीरे वीरान होता जा रहा है। पहले यहां रोज़ाना सैकड़ों लोगों की आवाजाही रहती थी, जिससे आसपास के दुकानदारों, रिक्शा चालकों, चाय विक्रेताओं समेत कई असंगठित कामगारों को रोज़गार मिलता था। अब भवनों में ताले लटक रहे हैं और ज़मीन बेकार पड़ी है। यह ज़रूरी है कि इस स्थान का पुनः उपयोग किया जाए ताकि इसका सामाजिक और आर्थिक लाभ आम जनता तक पहुंचे। इस परिसर को प्रशासनिक दफ्तरों के एकीकृत केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके साथ-साथ बहुद्देश्यीय नगर भवन, बहुमंजिला पार्किंग, ओपन गैलरी, लाइब्रेरी, आर्ट गैलरी, ड्रामा स्कूल और पब्लिक कॉन्फ्रेंस हॉल बनाकर इसे हजारीबाग का सांस्कृतिक और प्रशासनिक केंद्र बनाया जा सकता है। पुराने भवन में अस्पताल बने पुराना समाहरणालय परिसर महिला अस्पताल या बाल चिकित्सालय के लिए उपयुक्त स्थल हो सकता है। जिले में उच्च स्तरीय मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। महिला व बाल अस्पताल बनाया जाए, तो ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं और बच्चों को बेहतर इलाज सुलभ हो सकेगा। यह स्थान मुख्य मार्गों से जुड़ा हुआ है जिससे लोगों को पहुंचने में कठिनाई नहीं होगी। बाल रोग विशेषज्ञ, महिला डॉक्टर, टीकाकरण केंद्र और पोषण परामर्श जैसी सेवाएं इस परिसर में संचालित की जा सकती हैं। ट्रैफिक जाम से मिले छुटकारा शहर की बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या को देखते हुए हजारीबाग में बहुमंजिला पार्किंग की ज़रूरत महसूस की जा रही है। पुराना समाहरणालय परिसर इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान है क्योंकि यह शहर के मध्य में स्थित है। यदि यहां बहुमंजिला पार्किंग बनाई जाए तो आसपास के बाजारों और कार्यालयों में आने-जाने वालों को पार्किंग की सुविधा मिल सकेगी। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या में भी कमी आएगी और सड़कें अधिक सुगम बनेंगी। यह कदम हजारीबाग को स्मार्ट सिटी की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होगा। सभी विभाग एक जगह हो यदि सभी प्रशासनिक विभागों को एक ही परिसर में लाया जाए, तो लोगों को दफ्तर-दफ्तर भटकने की परेशानी से मुक्ति मिल सकती है। नया समाहरणालय परिसर में जगह उपलब्ध होने के बावजूद कई विभाग अब भी पुराने परिसर में संचालित हो रहे हैं। समय और संसाधन दोनों नष्ट होते हैं। पुराने परिसर के सभी दफ्तरों को नए भवन में शिफ्ट कर लिया जाए और खाली भवनों को नए प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाया जाए। इससे सरकारी संपत्ति का बेहतर उपयोग और नागरिकों को अधिक सुविधा मिल सकेगी। कलाकारों के लिए हो मंच हजारीबाग में नृत्य, नाटक, संगीत और चित्रकला के लिए कोई समर्पित स्थान नहीं है। पुराने समाहरणालय परिसर में एक आधुनिक कला भवन, ड्रामा स्कूल और कला वीथिका की स्थापना करके उभरते कलाकारों को मंच दिया जा सकता है। यहां प्रशिक्षण, अभ्यास और प्रदर्शनी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि युवाओं की प्रतिभा को दिशा मिल सके। समस्याएं 1. पुराने समाहरणालय परिसर में अधिकांश भवन ताले में बंद हैं, अनुपयोगी होता जा रहा है। 2. दफ्तरों के हट जाने से चायवाले, ऑटो चालक आदि का रोजगार छिन गया है। 3. जनता के लिए कोई सार्वजनिक सुविधा (जैसे पुस्तकालय, हॉल, पार्क) उपलब्ध नहीं है। 4. कई विभाग पुराने परिसर में हैं और कुछ नए परिसर में, जिससे भटकना पड़ता है। 5. परिसर में धीरे-धीरे जंगल-झाड़ और अवैध अतिक्रमण की संभावना बढ़ रही है। सुझाव 1. युवाओं के कला व संस्कृति के विकास के लिए यहां कला भवन की स्थापना की जाए। 2. स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के लिए एक अस्पताल की स्थापना इस परिसर में की जा सकती है। 3. पार्किंग समस्या दूर करने के लिए बहुमंजिला वाहन पार्किंग बनाई जाए। 4. पुराने परिसर को किसी उपयोगी योजना के लिए समर्पित किया जाए। लोगों को होगी सुविधा। 5. सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कम लागत में उपलब्ध नया नगर भवन बनाया जाए। इनकी भी सुनिए पुराना समाहरणालय परिसर शहर का बहुमूल्य स्थान है। हम इसके पुनः उपयोग को लेकर सकारात्मक हैं और जनहित में इसे विकसित करने की दिशा में गंभीरता से विचार कर रहे हैं। प्रयास है कि यहां ऐसे निर्माण हों जिससे स्थानीय लोगों को सुविधाएं मिलें और शहर को नया आयाम मिले। -प्रदीप प्रसाद, सदर विधायक हजारीबाग के पुराने समाहरणालय परिसर का उपयोग आम जनता के हित में किया जाना चाहिए। अधिकांश भवन या तो बंद हैं या फिर लंबे समय से खाली पड़े हैं। जिले की बढ़ती आबादी को देखते हुए, इस परिसर में किसी सार्वजनिक कार्यालय या जनसमस्याओं के समाधान से जुड़ी संस्था की स्थापना आवश्यक है। - गणेश सीटू, जिला सचिव सीपीएम लोगों ने कहा- जगह का सदुपयोग हो पुराने समाहरणालय में कई भवन वर्षों से बंद हैं। कुछ दफ्तर जरूर चल रहे हैं, लेकिन अधिकांश हिस्से का उपयोग नहीं हो पा रहा है। -महेंद्र राम जब समाहरणालय यहीं था, तो रोज सैकड़ों लोग आते-जाते थे। अब आवाजाही घटने से ऑटो, ठेला, चाय दुकान सब पर असर पड़ा है। -अब्दुल मजीद अंसारी हजारीबाग में महिला अस्पताल की कमी है। पुराने समाहरणालय में पर्याप्त जगह है, चिकित्सालय खोला जा सकता है। -राजू चौरसिया बच्चों के लिए अलग अस्पताल होना चाहिए। पुराने समाहरणालय परिसर में एक बाल अस्पताल बन जाए तो सुविधा मिलेगी। -संतोष कुमात वैद्य हजारीबाग में कई बार एक ही दिन कई कार्यक्रम होते हैं, लेकिन जगह नहीं मिलती। एक सुलभ और कम लागत वाला भवन हो। -नंदलाल साव शहर में कला भवन या ड्रामा स्कूल नहीं है। पुराने समाहरणालय में केंद्र बनना चाहिए जहां कलाकार अभ्यास कर सके। -अशोक कुमार दुबे पुराने समाहरणालय परिसर में बहुमंजिला पार्किंग बन जाए तो आसपास की सड़कें जाम से बच सकती है। ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा। -बालेश्वर प्रसाद कई विभाग अभी पुराने परिसर में हैं, जबकि कुछ नए परिसर में चले गए हैं। इससे लोग एक दफ्तर से दूसरे में भटकते हैं। -तपेश्वर राम भुइंया यह परिसर हजारीबाग की पहचान रहा है। डीसी कार्यालय और पुराने एएसपी दफ्तर जैसे भवनों को हेरिटेज घोषित कर किया जाए। -ईश्वर महतो सरकारी जमीन खाली पड़ी रहे तो धीरे-धीरे उस पर अतिक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अदालतों में मुकदमे चलते रहते हैं। -बैद्यनाथ प्रसाद मेहता अब भी कुछ विभाग काम कर रहे हैं और लोग आते-जाते हैं, लेकिन पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो रहा। -किशोरी प्रसाद मेहता इतने बड़े परिसर में जनता के लिए कोई बैठने की सुविधा नहीं है। इसे एक सार्वजनिक सेवा केंद्र की तरह विकसित किया जाए। -नीरज कुमार वैद्य

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