बड़ी लापरवाही! छह से उड़ाने की अनुमति, तो साढ़े पांच बजे कैसे उड़ रहा था हेलीकॉप्टर?
उत्तराखंड के केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में हेली कंपनी की लापरवाही सामने आई है। कंपनी को 6 बजे से हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति थी, लेकिन यह हादसा साढ़े 5 बजे हुआ।

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की मौत के मामले में कंपनी की लापरवाही भी सामने आई है। यह हादसा सुबह 5:30 बजे हुआ, जबकि आर्यन एविएशन को हेलीकॉप्टर संचालन के लिए डीजीसीए और यूकाडा की ओर से निर्धारित प्रथम स्लॉट 6:00 से 7:00 बजे के बीच आवंटित किया गया था। नियमानुसार निर्धारित समय से पूर्व उड़ान भरना नियम विरुद्ध है और इसी लापरवाही को इस हादसे का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
राजस्व उपनिरीक्षक फाटा द्वारा पुलिस स्टेशन सोनप्रयाग में दी गई तहरीर के अनुसार, मौसम खराब होने के बावजूद उड़ान भरना एसओपी के स्पष्ट उल्लंघन को दर्शाता है। एसओपी के तहत उड़ान से पूर्व मौसम की स्थिति का परीक्षण आवश्यक होता है, जबकि आज सुबह से ही बादल और घना कोहरा छाया हुआ था। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि आर्यन एविएशन के मैनेजर विकास तोमर तथा एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक द्वारा जानबूझकर एसओपी का पालन नहीं किया गया, जिससे यह भीषण दुर्घटना घटी।
प्रशासनिक रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों को दुर्घटना का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। कोतवाली सोनप्रयाग में मामले में 105 भारतीय न्याय संहिता 2023 तथा धारा 10 वायुयान अधिनियम 1934 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है।
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