टाटीझरिया 110 सोलर जलमीनार और 53 चापानल खराब
टाटीझरिया प्रखंड में आठ पंचायत में 61 गांव हैं। जिसकी कुल जनसंख्या 60 हजार है। प्रखंड के लोगों को पेयजल के लिए गांव 427 सोलर जलमीनार और 831 चापानल

टाटीझरिया, प्रतिनिधि। टाटीझरिया प्रखंड में आठ पंचायत में 61 गांव हैं जिसकी कुल जनसंख्या 60 हजार है। प्रखंड के लोगों को पेयजल के लिए गांव 427 सोलर जलमीनार और 831 चापानल लगाए गए हैं। परन्तु करोड़ों खर्च करने के वावजूद लोगों को पानी के लिए काफ़ी मशकत करना पड़ता है। प्रखंड में जल नल योजना के नाम पर सिर्फ राशि की बंदर बांट की गई। प्रखंड में लगाए गए कुछ ही सोलर जलमीनार पानी मिल रहा है। बाकी अधिकतर जलमीनार खराब पड़ा हुआ है। यह सिर्फ शोभा बनकर रह गया है। इस ओर किसी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है।
प्रखंड में करीब सोलर जलमीनार बना है। जिसमें करीब 110 जलमीनार खराब पड़े हुए हैं। जबकि 53 चापानल खराब पड़े हुए हैं। सैकड़ों जलमीनार खराब पड़े हैं तो कहीं अधूरा पड़ा है। कई सोलर जलमीनार को जैसे तैसे छोड़ दिया गया है। लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। कई गॉव में सोलर जलमीनार से एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। कुछ चापानल खराब था उसको कुछ विभाग से और कुछ मुखिया ने पंचायत स्तर से बनाया है। इसके बावजूद 53 चापानल खराब पड़े हुए हैं। टाटीझरिया, डहरभंगा, डुमर और धरमपुर पंचायत की देखरेख जेई दिनेश एक्का करते हैं जबकि झरपो, भराजो और खैरा पंचायत की देखरेख जेई अरुण कुमार करते हैं।भराजो पंचायत में करीब 60 सोलर जलमीनार बनाया गया। जिसमें कई वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। कुछ बना है जिसमें पानी नहीं निकल रहा तो कई से लोगों के घरों तक नल नहीं पहुंच पाया है। सबसे ज्यादा दिक्कत भराजो में पानी को लेकर है वहां कई सोलर जलमीनार का कार्य चार-पांच से अधूरा पड़ा हुआ है। कई जगह बोरिंग करने के वावजूद पानी नहीं निकला। खैरा के पुतो, सिमरढाब और सिझुआ में भी पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। धरमपुर के पानीमाको में पानी की बहुत बड़ी समस्या है लोग सुबह से पानी के लिए भटकते रहते है। बेडम पंचायत के कई गांव में पानी के लोग सुबह से इधर उधर भटकते रहते हैं। कहीं चुआं तो कहीं कोनार नदी पर निर्भर हैं। सरकार की महत्वपूर्ण योजना के तहत प्रखंड में कई जगहों पर जल मीनार लगाए गए हैं। जिस समय लगाया तो ग्रामीणों में इसके प्रति उत्साह दिखा। जहां यह कामयाब हुआ वहां तो अच्छी स्थिति रही पर जहां नाकामयाब हो गया। इसकी मरम्मत तक नहीं हो पाने लगी। लोगों के लिए शोभा की वस्तु ही बन गया। पानी के सरंक्षण को बढ़ावा नहीं इलामें पानी की किल्लत बढ़ रही है पर इस दिशा में सबसे चिंतनीय बात यह है पानी की समरस्या के समाधान के प्रति ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पानी का सरंक्षण न के बराबर हो रहा है। वर्षा जल नाहक ही बर्बाद हो जाता है। बहुत कम घरों में ही वाटर रिचार्ज पर ध्यान दिया जाता है। ऐसे में पानी पाताल भी जा रहा है। जेई दिनेश एक्का टाटीझरिया प्रखंड में पानी की समस्या को विभाग स्तर और पंचायत स्तर से चापानल मरम्मत की गयी है। सिर्फ पानीमाको में पानी की समस्या है। जहां-जहां शिकायत मिल रही है वहां चापानल मरम्मत की जा रही है। कुछ जलमीनार फण्ड के अभाव में उसका कार्य रुका हुआ है। कैलाश पति सिंह गर्मी आते ही कुआं सूखने लगता है। पानी की समस्या हो जाती है। प्रखंड में जलमीनार बना परन्तु लोगों को इससे जल नहीं मिल रहा है। -लक्ष्मण यादव प्रखंड में सभी पंचायत में कई जलमीनार खराब पड़ा है। प्रखंड में सैकड़ों चापनल भी खराब है लोगों को गर्मी में पानी के लिए मशकत करना पड़ता है। -बीरेंद्र सिंह जल नल योजना के तहत जलमीनार बना जरूर है परन्तु लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। यह योजना बेकार योजना है। सरकार को इस ध्यान देना चाहिए। एक दो चापानल के भरोसे सैकड़ों लोग रहते हैं। -प्रमोद सिन्हा गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या शुरू हो जाती है। कई चापानल खराब पड़े हैं इसको बनाना चाहिए। जलमीनार बना जरूर है परन्तु पानी नहीं मिलता है यह फ्लॉप योजना है।
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