hemant soren cabinet big decision welafre board for gig workers 50000 will get benefit सोरेन कैबिनेट का बड़ा फैसला, गिग वर्कर्स के लिए बनेगा कल्याण बोर्ड; 50 हजार को फायदा, Jharkhand Hindi News - Hindustan
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सोरेन कैबिनेट का बड़ा फैसला, गिग वर्कर्स के लिए बनेगा कल्याण बोर्ड; 50 हजार को फायदा

झारखंड की हेमंत सोरेन कैबिनेट ने गिग वर्कर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश में इनके लिए एक कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा, जिससे 50 हजार श्रमिकों को फायदा मिलेगा।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीThu, 5 June 2025 06:41 AM
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सोरेन कैबिनेट का बड़ा फैसला, गिग वर्कर्स के लिए बनेगा कल्याण बोर्ड; 50 हजार को फायदा

झारखंड के गिग श्रमिकों के लिए कानून बनेगा। इसमें गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर में काम कर रहे करीब 50 हजार श्रमिकों के प्रोटेक्शन और उनके लिए कल्याण फंड भी सृजित किए जाएंगे। झारखंड प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स (रजिस्ट्रेशन और वेलफेयर) विधेयक 2025 के अधिनियम को राज्य कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई।

कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि झारखंड प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स (रजिस्ट्रेशन और वेलफेयर) विधेयक 2025 झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में लाया जाएगा। जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर में काम कर रहे गिग कर्मियों का कोई प्रोटेक्शन नहीं है। प्रोटेक्शन देने के लिए ही कानून लाया जा रहा है और बोर्ड का गठन किया जा रहा है। यह बोर्ड सभी गिग वर्कर्स का इसमें रजिस्ट्रेशन करेगा। उनके लिए कल्याण फंड भी सृजित किये जाएंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि गिग कर्मी विभिन्न एग्रीगेटर व मध्यस्थों की मनमानी के कारण कई प्रकार से शोषित होते रहते हैं और सामाजिक सुरक्षा से भी वंचित हैं। इसी समस्या के निराकरण के लिए सरकार कानून ला रही है। इसमें झारखंड में काम करने वाले गिग वर्कर की ट्रैकिंग और मॉनीटरिंग भी की जा सकेगी। इसके लिए पोर्टल भी बनाया जाएगा।

खनन अधिकारियों को कार्रवाई की दी गई शक्ति

मंत्रिमंडल विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि गैर कानूनी खनन पर खान व भूतत्व विभाग अधिकारियों को कार्रवाई करने की शक्ति दी गई है। खान निदेशक, अपर निदेशक, उप निदेशक और जिला व खनन पदाधिकारी को शक्तियां दी गई है। पहले गैर कानूनी खनन के लिए राज्य स्तर पर कार्रवाई होती थी, लेकिन अब अपने-अपने क्षेत्राधिकार में गैर कानूनी खनन पर कार्रवाई कर सकेंगे। खान निदेशक और अपर निदेशक को पूरे राज्य का क्षेत्राधिकार दिया गया है, जबकि खान उपनिदेशक और जिला-सहायक खनन पदाधिकारी को अपने क्षेत्राधिकार में शक्ति दी गई है।