सिंडिकेट की सहमति के बाद भी संविदा शिक्षकों को नहीं मिला वेतन
कोल्हान विश्वविद्यालय के वोकेशनल और बीएड शिक्षकों की स्थिति गंभीर हो गई है। 11 महीनों से संविदा नवीनीकरण लंबित है और 8 महीनों से वेतन नहीं मिला है। प्रशासनिक जटिलताओं के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही...

कोल्हान विश्वविद्यालय के वोकेशनल व बीएड शिक्षकों की स्थिति दयनीय हो गई है। पिछले 11 महीनों से संविदा नवीनीकरण लंबित है और 8 महीनों से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। वेतन नहीं मिलने से उनका घर चलना मुश्किल हो गया है। दरअसल, पिछली सिंडिकेट बैठक में वोकेशनल एवं बीएड शिक्षकों को सात माह के बाद वेतन देने और सेवा नवीनीकरण पर सहमति बनी थी। बावजूद प्रशासनिक पेच में मामला फंसा हुआ है। 21 मई को संपन्न बैठक के मिनट्स पर अब जाकर हस्ताक्षर हुआ है। इसके बाद प्रक्रिया का अगला चरण सीवीसी से होते हुए कुलपति के अनुमोदन तक बची है।
ऐसे में प्रक्रिया अगले एक महीने तक विलंबित होना तय है। विरोध के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन ने अगले दो दिन में प्रक्रिया पूरी कर भुगतान करने का आश्वासन दिया है। मामले पर कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य सोनू ठाकुर ने सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक प्रशासनिक विफलता है, बल्कि संविदा शिक्षकों के साथ किया जा रहा अमानवीय व्यवहार भी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा था कि स्थायी कुलपति की नियुक्ति के बाद सभी लंबित समस्याओं का समाधान किया जाएगा, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गर्मी की छुट्टियां समाप्त होने तक संविदा शिक्षकों को न्याय नहीं मिलेगा। शिक्षकों ने भी जताई नाराजगी संविदा शिक्षक भी अब मुखर हो गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि बार-बार प्रशासनिक देरी का खामियाजा संविदा शिक्षकों को ही क्यों भुगतना पड़ता है। बुधवार को सीनेट सदस्य सोनू ठाकुर ने विश्वविद्यालय के सीवीसी और कुलसचिव से दूरभाष पर बात की और नाराजगी जताई। अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि दो दिनों में प्रक्रिया पूरी कर इस सप्ताह के अंत तक वेतन और संविदा नवीनीकरण कर दिया जाएगा।
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