भाषा व लिपि का प्रचार-प्रसार और पढ़ाई जरूरी : महाबीर
आदिवासी सोशियो एजुकेशन एंड कल्चर एसोसिएशन ने ओल ईतुन आषाढ़ा गोड़गोड़ा में सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह का आयोजन किया। मुख्य अतिथि महाबीर मुर्मू ने पंडित रघुनाथ मुर्मू की तस्वीर पर माल्यार्पण...

आदिवासी सोशियो एजुकेशन एंड कल्चर एसोसिएशन की ओर से ओल ईतुन आषाढ़ा गोड़गोड़ा में आषाढ़ा की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झामुमो नेता महाबीर मुर्मू ने ओल चिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की तस्वीर पर माल्यार्पण कर इसकी शुरुआत की। इसके बाद आषाढ़ा में संथाली भाषा की ओल चिकी लिपि में पढ़ाई करने वाले 25 छात्र-छात्राओं एवं 10 शिक्षकों को संथाली परंपरा के अनुसार साड़ी एवं फूटा धोती देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर महाबीर मुर्मू ने कहा कि समाज की युवा पीढ़ी को रोमन लिपि, देवनागरी लिपि के साथ संथाली भाषा की ओल चिकी लिपि में भी पढ़ने की आवश्यकता है, तभी अपनी भाषा, संस्कृति और परम्परा को बचाया जा सकेगा। मुर्मू के अनुसार संथाली लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू ने कहा था, अगर आप अपनी भाषा-संस्कृति और धर्म को भूल जाएंगे, तो आपका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इसलिए वर्तमान युवाओं को उनके बताये रास्ते पर चलना चाहिए तभी संथाली समाज की भाषा और संस्कृति बची रहेगी।
इस मौके पर आषाढ़ा की ओर से छात्र-छात्राओं के द्वारा सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। मौके पर सुखलाल टुडू, घानी राम मार्डी, बृहत मार्डी, भागीरथी सोरेन, हाड़ीराम सोरेन, सोमाई सोरेन दुर्गा हांसदा, मनोज तांती, रॉकी सिंह राठौड़ सहित गांव के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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