बोले जमशेदपुर : बिजली के लटकते तार से हर समय सांसत में जान
शहर में लटकते बिजली के तारों के कारण कई बार गंभीर घटनाएं हुई हैं। गोविंदपुर के यशोदानगर में खासकर स्थिति भयावह है, जहां हाइटेंशन तार घरों के ऊपर लटके हुए हैं। इससे करंट लगने का खतरा बना रहता है। लोग...

शहर में बिजली के लटकते तारों के कारण कई बार घटनाएं हो चुकी हैं, बावजूद इसके हालात नहीं सुधर रहे हैं। शहरवासियों के आवाज उठाने और कई बार प्रदर्शन के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी है। जनप्रतिनिधि और बिजली विभाग का भी ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। कहीं भी घटना होने के बाद कुछ दिनों तक माहौल ऐसा रहता है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन कुछ दिनों बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इस स्थिति में लोग परेशान होते रहते हैं, लेकिन उनके पास आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है। शहर के करीब-करीब हर क्षेत्र में कमोबेश ऐसी स्थिति है। आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान ने गोविंदपुर में हुई घटना के बाद पड़ताल की तो कई जगहों पर बिजली के तार काफी नीचे लटकते हुए पाए गए।
सबसे गंभीर समस्या गोविंदपुर के यशोदानगर की है। यहां करीब 500 घर हैं, जिनमें करीब 3000 लोग रहते हैं। गोविंदपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थित यशोदानगर में ज्यादातर घरों के ऊपर से हाइटेंशन तार गुजरे हैं। कहीं-कहीं तो तार तो इतने नीचे हैं कि छत पर खड़े होकर अगर कोई हाथ उठा लें तो वह काल के गाल में समा जाएगा। रामनवमी विसर्जन जुलूस के दिन महावीरी झंडा हाइटेंशन तार में सट गया था। करंट के झटके से 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि आसपास खड़े कई अन्य लोग भी झुलस गए। इसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। हालांकि घटना के बाद से डीवीसी और जेवीएनएल के साथ ही जुस्को की टीम भी लगातार क्षेत्र का दौरा कर रही है, लेकिन इसका ठोस समाधान निकलेगा या नहीं, इस पर संशय है। स्थिति यह है कि बिजली मिस्त्री भी खंभों पर चढ़कर मरम्म्त करने से डरते हैं। इस कारण स्थानी लोगों को काफी परेशानी होती है।
यही हाल शहर के अन्य क्षेत्रों का भी है। एनएच-33 पर बालीगुमा के आगे साईं नगर और मानगो बागानशाही रोड नंबर 7 में भी यही स्थिति है। यहां तो बिजली के तार इतने नीचे हैं कि गुजरने वाले को करंट लगने का खतरा बना रहता है। इतना ही, नहीं यहां बांस के खंभों से घरों तक तार ले जाए गए हैं, जो हर वक्त खतरे को दावत दे रहे हैं। बांस कभी भी टूटकर गिर सकता है और इसके बाद गंभीर हादसा हो सकता है। यह स्थिति वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इसमें सुधार की दिशा में कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। इस कारण लोग वर्षों से इसी हाल में रहने को विवश हैं।
मोबाइल से बात करते वक्त होती है झनझनाहट
गोविंदपुर में भी कई जगहों पर स्थिति भयावह है। यशोदानगर की बात करें तो यहां हाइटेंशन तार काफी नीचे हैं। कई घरों के ऊपर से यह तार गुजरा है, जो हर वक्त खतरे को दावत दे रहा है। महिलाएं छत पर कपड़े सुखाने के लिए जाने से पहले कई बार सोचती हैं। भीगे कपड़ों के कारण करंट लगने का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं, हर वक्त लोगों को झनझनाहट महसूस होता रहता है। अगर छत पर वे मोबाइल से बात करते हैं तो हाथों में झनझनाहट महसूस होने लगता है।
तार के नीचे से गुजरने पर बाइक सवारों को भी लगता है झटका
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा हाइटेंशन तार को ऊपर किया जाना चाहिए। ऐसा न होने से हर वक्त खतरा बना रहेगा। तार को ऊपर करने तक लोगों ने नीचे जाली लगाने की मांग की है, ताकि गंभीर खतरे को टाला जा सके। सबसे भयावह स्थिति बरसात के समय हो जाती है। बारिश के मौसम में हर वक्त झटका लगता रहता है। अगर कोई बाइक सवार तार के नीचे से गुजरता है तो उसे झटका लगता है।
अक्सर जल जाते हैं बिजली के उपकरण
इसी तरह जिन बिजली के खंभों पर लगे तार से घर में सप्लाई होती है, वे भी काफी नीचे लटक रहे हैं। महिलाओं का कहना है कि अगर पुआल लदी गाड़ी आती है तो वह तार से सट जाती है। ऐसे में अक्सर घर के बिजली के उपकरण खराब होते रहते हैं। अक्सर लोगों के घर में टीवी और पंखा आदि जल जाते हैं, जिससे काफी नुकसान होता है। इस ओर बिजली विभाग का ध्यान नहीं जा रहा है, जिससे परेशानी हो रही है।
समस्या
- यशोदानगर में हाइटेंशन तार काफी नीचे हैं। इससे हमेशा लोगों को झटका लगता रहता है।
- बारिश में तो तार के नीचे से बाइक सवार के गुजरने पर बना रहता है झटका लगने का खतरा।
- अक्सर शॉर्ट सर्किट के कारण बिजली के उपकरण हो जाते हैं खराब।
- मानगो के विभिन्न इलाकों में बांस के खंभों पर गुजरे हैं बिजली के तार।
- तार नीचे झूलने के कारण हर वक्त बना रहता है करंट लगने का खतरा।
सुझाव
- यशोदानगर में हाइटेंशन तार को ऊंचाई पर करने की है जरूरत, ताकि लोगों को समस्या न हो।
- घर में सप्लाई होने वाले बिजली के झूलते तार को भी ऊंचा और टाइट करने की है जरूरत।
- जहां बांस पर खंभे लगे हैं, उन्हें सीमेंट के खंभों से बदला जाना चाहिए।
- घरों के ऊपर से गुजरने वाले हाइटेंशन तार में सुधार करने की जरूरत है, ताकि लोगों को खतरे से बचाया जा सके।
- खंभों पर तार के नीचे जाली लगाकर भी खतरे की संभावना कम की जा सकती है।
यहां कुछ महीनों के अंतराल में दो गंभीर हादसे हो चुके हैं। एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद विभाग और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जल्द पहल करते हुए हाइटेंशन तार को ऊंचा किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को समस्या से निजात मिल सके।
-अर्जुन कुमार, समाजसेवी सह भाजपा नेता, यशोदानगर
बस्तियों में कई जगह बांस के सहारे बिजली के तारों को गुजारा गया है। इसकी शिकायत की गई है पर बिजली विभाग इस ओर ध्यान नहीं देता। कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
-फातिमा शाहिनी, मंडल अध्यक्ष, भाजपा, आजादनगर
बिजली के तार के नीचे होने के कारण काफी समस्या होती है। हर वक्त झटका महसूस होता रहता है। मोबाइल से बात करने में भी डर लगता है।
-राखी भट
बारिश के मौसम में तो पूरा डर बना रहता है। उस दौरान झटका लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में हमें काफी सतर्क रहना पड़ता है।
-स्नेहलता सिन्हा
बिजली के खंभों पर तार झूल रहे हैं। ऊंची गाड़ियों के तार में सटने के कारण अक्सर घर के टीवी और पंखे खराब हो जाते हैं। इन तारों को ऊंचा किया जाना चाहिए।
-रीता देवी
पिछले कई सालों से यही स्थिति बनी हुई है। कई बार आवेदन देकर थक गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद अफसर आते हैं, लेकिन फिर सब शांत हो जाता है।
-बीरेंद्र पाठक
झंडा के तार से टकराने के बाद हुई घटना से इलाके में दहशत है। इतने बड़े हादसे के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो हमें नहीं लगता कि छोटी शिकायत पर कुछ होगा।
-रामलखन पॉल
बिजली के तार के लिए जो खंभे लगाए गए हैं, उनमें से कई जर्जर हो चुके हैं। ऊपर से बांस के खंभे खतरे को और बढ़ा रहे हैं।
-शिवचंदर सिंह
कई बार तार से हल्का करंट लग चुका है। खासकर बारिश में स्थिति और भी खराब हो जाती है। एक बार हादसा हो गया तो कोई जिम्मेदार नहीं मिलेगा।
-अजय कुमार सिन्हा
कई बार घटनाएं हो चुकी हैं, पर अधिकारी कुछ सीख नहीं लेते है। मामला फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है।
-राम इकबाल सिंह
झंडा जुलूस के दौरान मैं भी वहीं था। मैं तो दूर खड़ा था, इसके बावजूद मुझे झटका लगा और शरीर में जहां-तहां घाव हो गए। अब भी काफी दर्द महसूस होता है।
-मनोज प्रसाद
बस्ती में कई जगह बांस का इस्तेमाल कर तार को गुजारा गया है। इससे घटना की आशंका बनी रहती है।
-अकरम खान
बस्ती के बच्चे घर से बाहर खेलने से डरते हैं। तार इतने नीचे से गुजरते है कि कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।
- शहबाज खान
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