आउटसोर्सिंग मैनुअल का विरोध, कर्मचारियों ने लगाया काला बिल्ला
झारखंड सरकार द्वारा जारी आउटसोर्सिंग मैन्युअल 2025 के खिलाफ प्रदेशभर के आउटसोर्स कर्मचारी एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया और सरकार से सेवा सुरक्षा और वेतन में...

झारखंड सरकार की ओर से जारी आउट सोर्सिंग मैन्युअल 2025 के खिलाफ प्रदेशभर के आउटसोर्स कर्मचारी एकजुट होकर विरोध की राह पर उतर आए हैं। झारखंड राज्य आउटसोर्स कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार से राज्य के सभी सचिवालय, प्रमंडल, जिला, प्रखंड, अंचल और क्षेत्रीय कार्यालयों में कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया।कर्मचारियों का कहना है कि इस नई नियमावली में पहले से कार्यरत कर्मियों की सेवा सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया है। संघ की प्रमुख मांग है कि मैनुअल में संशोधन करते हुए उन्हें 60 वर्ष तक की सेवा सुरक्षा और संविदा कर्मियों के समकक्ष वेतन देने का प्रावधान शामिल किया जाए।
कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह नियमावली पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है और इससे हजारों आउटसोर्स कर्मियों का भविष्य अधर में पड़ जाएगा। चाहे सफाई कर्मी हों या कम्प्यूटर ऑपरेटर, माली, चालक, रसोइया या स्वास्थ्य विभाग के तकनीकी कर्मचारी सभी ने विरोध की आवाज बुलंद कर दी है। संघ द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा भी जारी कर दी गई है। 09, 10 व 11 जून: तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। 11 जून को शाम 6 बजे जिला मुख्यालयों में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 12 जून को जिला मुख्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना देने का निर्णय लिया गया है। वहीं, 15 जून को रांची में राज्यस्तरीय एकदिवसीय धरना प्रदर्शन।
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