टाटा स्टील को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार
टाटा स्टील को राष्ट्रीय और विश्व बौद्धिक संपदा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार पेटेंट फाइलिंग और व्यावसायीकरण में उत्कृष्टता के लिए मिला है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 142 नए पेटेंट...

टाटा स्टील को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार और विश्व बौद्धिक संपदा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान पेटेंट फाइलिंग, स्वीकृति और व्यावसायीकरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया है। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने टाटा स्टील को भारत में सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक या निजी कंपनी श्रेणी में यह पुरस्कार दिया, जबकि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो) ने भी कंपनी को अपने डब्ल्यूआईपीओ अवार्ड्स प्रोग्राम के तहत सम्मानित किया। टाटा स्टील ने अबतक दुनियाभर में 2,000 से अधिक पेटेंट आवेदन दाखिल किए हैं। कंपनी से मिली जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने 142 नए पेटेंट फाइल किए और 395 पेटेंट प्राप्त किए। वर्ष 2020 से 2024 के बीच कंपनी ने प्रतिवर्ष औसतन 130 से अधिक पेटेंट आवेदन किए। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट सुबोध पांडेय ने कहा कि स्टील क्षेत्र में अनुसंधान तथा देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग से प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल सकती है। टाटा स्टील पर्यावरण के अनुकूल स्टील उद्योग की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। कंपनी का लक्ष्य केवल तकनीकी बढ़त प्राप्त करना नहीं है, बल्कि ऐसा मानक स्थापित करना है, जो अन्य संगठनों को नवाचार और बौद्धिक संपदा में निवेश के लिए प्रेरित करे। टाटा स्टील ने 1937 में अपनी अनुसंधान इकाई की शुरुआत की थी और 1938 में पहला पेटेंट दर्ज कराया था। हाल ही में भारतीय पेटेंट कार्यालय ने कंपनी के पेटेंट पोर्टफोलियो को एक संकलन में शामिल किया है, जिसमें उन नवाचारों को दर्शाया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप हैं। राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार प्रतिवर्ष उन व्यक्तियों और संस्थानों को प्रदान किए जाते हैं, जिन्होंने बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इन पुरस्कारों का उद्देश्य देश में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना है।
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