कला मंदिर में प्रशिक्षुओं ने खुद रचा नाटक, अभिनय कौशल में दिखी निखार
बिष्टूपुर कला भवन में 21 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के 15वें दिन प्रतिभागियों ने अपने नाटक का घटनाक्रम रचकर प्रस्तुत करने की दिशा में कदम बढ़ाए। वरिष्ठ रंगकर्मी हरि मित्तल ने तकनीकी प्रशिक्षण दिया, जबकि...

बिष्टूपुर कला भवन में 21 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के 15वें दिन प्रतिभागियों ने नई पहल करते हुए खुद अपने नाटक का घटनाक्रम रचा और प्रस्तुत करने की दिशा में कदम बढ़ाए। प्रथम सत्र में वरिष्ठ रंगकर्मी हरि मित्तल ने प्रतिभागियों को थ्रोइंग, वॉयस मॉड्यूलेशन, स्पीच टाइमिंग और संवाद प्रस्तुति जैसे रंगमंचीय तकनीकी पहलुओं पर गहन प्रशिक्षण दिया। उन्होंने देश-विदेश के रंगमंच के अनुभव साझा करते हुए प्रतिभागियों को व्यावहारिक सुझाव भी दिए। वहीं, समाजसेवी पूरबी घोष ने रंगमंच की सामाजिक जिम्मेदारी, रचनात्मकता और समावेशिता पर जोर देते हुए युवा कलाकारों को समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया। दूसरे सत्र में मुख्य प्रशिक्षक मोहम्मद निजाम ने प्रतिभागियों से पात्रों का चयन करवाया और रिहर्सल की शुरुआत करवाई। कार्यशाला के इस चरण ने प्रतिभागियों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और टीम भावना को मजबूती दी है। आयोजकों के मुताबिक, आगे के सत्रों में अभिनय कौशल, रंगमंचीय तकनीक और मंच सज्जा पर भी विशेष प्रशिक्षण जारी रहेगा। समापन समारोह में प्रतिभागियों द्वारा तैयार नाटक का भव्य मंचन किया जाएगा।
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