Water Crisis in Ichalijhar Villagers Forced to Drink Contaminated Water नारायणपुर:इचलीझर उपर टोला में पेयजल की समस्या,डोभा का पानी पीने को विवश ग्रामीण, Jamtara Hindi News - Hindustan
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नारायणपुर:इचलीझर उपर टोला में पेयजल की समस्या,डोभा का पानी पीने को विवश ग्रामीण

-टोला में करीब 25 से 30 परिवार के लगभग 150 लोग करते हैं निवास। प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर पंचायत अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य गांव इचलीझर के उपर टोला में

Newswrap हिन्दुस्तान, जामताड़ाSat, 31 May 2025 01:48 AM
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नारायणपुर:इचलीझर उपर टोला में पेयजल की समस्या,डोभा का पानी पीने को विवश ग्रामीण

नारायणपुर:इचलीझर उपर टोला में पेयजल की समस्या,डोभा का पानी पीने को विवश ग्रामीण -टोला में करीब 25 से 30 परिवार के लगभग 150 लोग करते हैं निवास। नारायणपुर,प्रतिनिधि। प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर पंचायत अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य गांव इचलीझर के उपर टोला में पेयजल की समस्या काफी गहरा जाने के कारण टोला वासियों को शुद्ध ओर स्वच्छ पेयजल पीना नसीब नहीं हो पा रहा है। जिस कारण टोला के लोग पेयजल संकट से जूझते हुए मजबूरन गांव के बाहर बहियार खेत में बने डाढ़ी (डोभा) का पानी पीने को विवश हो गए हैं। यहां की महिलाएं सुबह होने के साथ ही रोजमर्रे की जरूरत और पीने के पानी के लिए गांव के बाहर बहियार खेत में बने डाढ़ी (डोभा) की ओर निकल पड़ती है।

जहां पगडंडियों के सहारे गांव के बाहर जाकर डोभा के दुषित पानी को प्लास्टिक के बर्तन व हड़िया-डैकची में भरकर लाती है। उसी दूषित पानी से अपना और अपने परिवार वालों का न केवल प्यास बुझाते हैं। बल्कि भोजन पकाने आदि के काम में लाती हैं। तीन चापाकल में से दो खराब,एक का जलस्तर गिरा: बता दें कि नारायणपुर प्रखंड के सदर पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले आदिवासी बाहुल्य इचलीझर गांव के उपर टोला में करीब 25 से 30 परिवार के लगभग 150 लोग वास करते हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा वर्षो पहले टोला के लोगों का प्यास बुझाने के लिए तीन चापाकल लगाया था। जिसमें से इन दिनों दो चापाकल खराब पड़ा हुआ है। जबकि एक चापाकल में पानी का जलस्तर ठीक-ठाक नहीं रहने के कारण चापाकल से नापतौल कर पानी निकलता है, जो टोला वासियों का प्यास बुझाने के लिए अपर्याप्त है। क्या कहते हैं ग्रामीण : -हमलोग के टोला में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण हमलोग मजबूरन डाढ़ी (डोभा) का दूषित पानी पीने को विवश हैं। विभाग इस दिशा में अपना ध्यान देकर समस्या को दूर करने का काम करे। मेनोका हेंब्रम, ग्रामीण -टोला में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण हम गांव की महिलाओं को मजबूर होकर गांव के बाहर बहियार खेत में बने डाढ़ी (डोभा) से दूषित पानी लाना पड़ता है। उसी पानी को हमलोग अपना खाने पीने के काम में लगाते हैं। शर्मिली हेंब्रम, ग्रामीण -सरकार हर घर जल-नल योजना से गांव-गांव पानी पहुंचाने का काम कर रही है। लेकिन आज तक हमलोग इस योजना से अछूते हैं। जिसके कारण हमलोग मजबूरन डाढ़ी (डोभा) का दूषित पानी पीने को विवश हैं। सिधमुनी सोरेन, ग्रामीण -टोला में पीने के पानी का घोर किल्लत रहने के कारण हमलोगों को पेयजल की व्यवस्था बहियार खेत में बने डाढ़ी (डोभा) से करना पड़ता है। जिससे हमलोगों को काफी परेशानी होती है। सोनामुनी बास्की, ग्रामीण -इचलीझर गांव के उपर टोला में इन दिनों पेयजल की भारी किल्लत है। जिसके कारण हमलोग डाढ़ी (डोभा) का दूषित पानी पीने को विवश हैं। मीनू मरांडी, ग्रामीण -इचलीझर गांव के उपर टोला में व्याप्त पेयजल संकट को दूर करने के दिशा में विभाग को पहल करना चाहिए। अन्यथा टोला के लोग डाढ़ी (डोभा) का दूषित पानी पीकर बीमार पड़ सकते हैं। सावित्री सोरेन, ग्रामीण फोटो नारायणपुर 04:पीने के लिए डोभा का पानी निकालती महिलाएं। फोटो नारायणपुर 05:डोभा से पीने का पानी लेकर गांव की ओर आ रही महिलाएं। फोटो नारायणपुर:सावित्री सोरेन, ग्रामीण। फोटो नारायणपुर: मीनू मरांडी, ग्रामीण फोटो नारायणपुर: सोनामुनी बास्की, ग्रामीण फोटो नारायणपुर:सिधमुनी सोरेन, ग्रामीण फोटो नारायणपुर: शर्मिली हेंब्रम, ग्रामीण फोटो नारायणपुर: मेनोका हेंब्रम, ग्रामीण

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