झारखंड शराब घोटाला मामले में IAS विनय चौबे की बढ़ेंगी मुश्किलें, ACB को मिल गया बड़ा सबूत
झारखंड में शराब घोटाले में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुसीबत बढ़ गई है। एसीबी ने अब विनय कुमार चौबे और उनके करीबियों-रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी है। एसीबी को विनय चौबे के खिलाफ बड़ा सबूत मिला है।

झारखंड में शराब घोटाले में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुसीबत बढ़ गई है। एसीबी ने अब विनय कुमार चौबे और उनके करीबियों-रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी है। एसीबी को शेल कंपनियों में निवेश करने का साक्ष्य भी मिले हैं। शराब घोटाले के अनुसंधान पदाधिकारी ने मंगलवार को अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए रांची के सभी डिप्टी रजिस्ट्रारों को पत्र भेजा है। रजिस्ट्री कार्यालयों से विनय चौबे समेत आठ लोगों की अचल संपत्ति और हालिया खरीदी गई जमीनों की जानकारी मांगी गई है।
जिन लोगों के विषय में एसीबी ने विवरण मांगा है, उनमें आईएएस विनय कुमार चौबे, उनकी पत्नी डॉ मोना चौबे, साले क्षिपिज त्रिवेदी व उनकी पत्नी, विनय कुमार चौबे के करीबी मित्र व नेक्सजेन के संचालक विनय कुमार सिंह व उनकी पत्नी, चार्टर एकाउंटेंट धनंजय कुमार व उपेंद्र शर्मा शामिल हैं। एसीबी ने सभी के पैन कार्ड की जानकारी रजिस्ट्री कार्यालय से शेयर करते हुए जानकारी मांगी है। वहीं सभी के बैंक खातों की पड़ताल भी एसीबी के द्वारा की जा रही है। बैंक खातों से हुए तमाम ट्रांजेक्शन की पड़ताल एसीबी के द्वारा की जा रही है। शराब घोटाले में गिरफ्तार आईएएस विनय कुमार चौबे के द्वारा चल व अचल संपत्तियों में निवेश की जानकारी मिलने के बाद अगर उनकी संपत्ति आय से अधिक पायी जाती है तो उसे लेकर एसीबी अलग से एफआईआर दर्ज करेगी।
वर्तमान में शराब घोटाले से उनके लाभांवित होने के पहलुओं पर जांच की जा रही है। विनय कुमार चौबे के पूरे सर्विस काल के दौरान उनकी आय, उत्पाद सचिव व एमडी जेएसबीसीएल के पद पर रहने के दौरान उनकी आय व व्यय के साथ-साथ निवेश के बिंदुओं पर जांच की जा रही है। एसीबी ने सेवाकाल के दौरान आईएएस अधिकारी की कार्मिक विभाग के समक्ष घोषित आय व निवेश संबंधी सारी जानकारी जुटायी है।
शेल कंपनियों में निवेश की जानकारी मिली
एसीबी को प्रारंभिक जांच में आईएएस विनय कुमार चौबे के द्वारा शेल कंपनियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं। एसीबी अधिकारियों के मुताबिक शेल कंपनियों के फंड को सीए धनंजय कुमार व उपेंद्र शर्मा के द्वारा मैनेज किया जाता था। वहीं, कारोबारी विनय कुमार सिंह के कारोबार में भी विनय कुमार चौबे की संपत्ति के निवेश होने के पहलुओं पर जांच की जा रही है।