कॉलेज में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर व्याख्यान आयोजित
रमेश प्रसाद यादव शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर एक स्पेशल लेक्चर सिरीज का आयोजन किया गया। डॉ भूपेंद्र ठाकुर ने प्राचीन भारतीय ज्ञान और विज्ञान पर विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि...

कोडरमा संवाददाता। रमेश प्रसाद यादव शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में शुक्रवार को कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वाधान में तीन दिनी स्पेशल लेक्चर सिरीज के दूसरे दिन भारतीय ज्ञान प्रणाली पर व्याख्यान का आयोजन हुआ। बतौर एमिनेंट स्पीकर डॉ भूपेंद्र ठाकुर प्राचार्य, बैजनाथ प्रसाद स्नेही कॉलेज ऑफ एजुकेशन समेत सहायक प्राध्यापकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। प्राचार्य डॉ लक्ष्मी सरकार ने अतिथि को पौधे,शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। विषय प्रवेश और स्वागत भाषण सहायक प्राध्यापक राजेश पांडेय ने किया। एमिनेंट स्पीकर डॉ भूपेन्द्र ठाकुर ने प्रशिक्षुओं को विषय से संबंधित बातों से अवगत कराते हुए विभिन्न उदाहरणों के साथ अपने विचारों को साझा किया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का विकास भारत में ही हुआ। इस आधार पर भारत को विश्व गुरु माना जाता था। प्राचीन काल में ज्ञान- विज्ञान का जनक भारत ही था और यहीं से समस्त भूमंडल में ज्ञान फैला। आज हमारे प्रधानमंत्री का सपना और संकल्प है कि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है। भारतीय ज्ञान प्रणाली ऐसी प्रणाली है, जिसके माध्यम से ज्ञान को पीढ़ियों से दूसरे पीढ़ी तक व्यवस्थित ढंग से पहुंचाया जाता है। यह प्रणाली ज्ञान, विज्ञान और दर्शन को अनुभव, अवलोकन, प्रयोग और गहन विश्लेषण के माध्यम से विकसित करती है। यह प्रणाली शिक्षा, कला, प्रशासन, कानून, न्याय, स्वास्थ्य, विनिर्माण और वाणिज्य सहित भारतीय संस्कृति और समाज के सभी पहलुओं को प्रभावित करती है। एनइपी -2020 भारतीय शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय ज्ञान और दर्शन की समृद्ध विरासत को अपने मार्गदर्शन के रूप में लेती है। मौके पर सहायक प्राध्यापक डॉ संजीव कुमार, मो सेराज, विनोद यादव, रविभूषण सिंह, सैयद खुर्शीद अली, अनिल कुमार, आनंद कुमार सहित प्रशिक्षु मौजूद थे।
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