बोले पलामू : योजनाओं का ढोल, हकीकत में फसल और पानी दोनों गोल
नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड के सांगबार पंचायत में जल, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क की गंभीर समस्याएं हैं। यहां के किसान सिंचाई की कमी और खराब सड़कों की वजह से परेशान हैं। गांवों में पेयजल की उपलब्धता नहीं...
नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड में सांगबार पंचायत को विद्वान आचार्य रामदीन पांडेय के नाम से पहचाना जाता है। वे इसी पंचायत के दीदरी गांव के निवासी थे। उनके वंशज ही नहीं पलामू के लोग भी आचार्य रामदीन पांडेय से प्रेरित हैं। बावजूद इसके पंचायत में सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, सिंचाई, पेयजल आदि की घोर समस्या बरकरार है। अमानत नदी तट पर स्थित सांगबार पंचायत के किसान बारिश व भूमिगत पानी के सहारे खेती करने के लिए विवश हैं। हिन्दुस्तान के बोले पलामू अभियान के क्रम में सांगबार पंचायत के लोगों अपनी समस्याएं रखी। नीलांबर-पीतांबरपुर। उत्तर कोयल नदी की प्रमुख सहायक नदी अमानत के बांए तट पर नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड में बसा हुआ सांगबार पंचायत खेती की दृष्टि से काफी उपजाऊ जमीन वाला क्षेत्र है।
इस पंचायत में पांच राजस्व गांव हैं। सांगबार, अखौरी दीदरी, ठकुराई दीदरी, माधो दीदरी, पांडेय दीदरी, गोराडीह, खैरांठ आदि गांव व टोले में पूरा पंचायत बंटा हुआ है। पंचायत में करीब 7000 लोग निवास करते हैं जिसमें 25 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की और 27 प्रतिशत आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है। अनुसूचित जनजाति समुदाय की आबादी पंचायत में महज एक प्रतिशत से भी कम है। पूरे पंचायत में हाईस्कूल स्तर की शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। पेयजल की सुविधा के लिए भी पाइप लाइन जलापूर्ति व्यवस्था पंचायत में धरातल पर नहीं उतर सका है। सिंचाई के लिए मलय नहर इस पंचायत में पहुंचा है परंतु 40 सालों में अबतक एक बुंद पानी पंचायत में नहीं पहुंच सका है। इसके कारण किसान परेशान रहते हैं। संवाद के क्रम में सांगबार पंचायत के ठकुराई दिदरी, माधो दीदरी, अखौरी दीदरी के लोगों ने कहा कि गांव में भूगर्भीय जलस्तर काफी नीचे चला गया है। गांव के सभी कुएं और चापाकल अनुपयोगी हो गए हैं। नलजल योजना ठेकेदार की मनमानी और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता के कारण अधूरा है। पंचायत में लगाए गए लघु जलमीनार भी उपयोगी नहीं है। सिंचाई की सुविधा के अभाव में अधिकांश खेत सूखे रह जाते हैं। मानसून अनुकूल रहने पर खरीफ की अच्छी फसल होती है। रबी मौसम में पानी की किल्लत के कारण पूरे रकबा में खेती नहीं हो पाती है। पंचायत में पिछले तीन साल से धान की खेती नहीं हुई है। खेतों में झंखाड़ उग आए है। यहां के किसान खेतों में दलहन और तेलहन की खेती करते हैं। धान बहुत कम अवधि में तैयार होने वाला किस्म का करते है, जिससे उपज बहुत कम होता है। पंचायत के निवासियों ने कहा कि सड़कों की स्थिति भी काफी खराब है। सड़क में गढ्ढा है या गढ्ढा में सड़क अंतर करना मुश्किल है। पंचायत के गांवों में प्रारंभिक विद्यालय है लेकिन योग्य शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों के बजाय प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए विवश हैं। पंचायत में खेती की खराब होती जा रही स्थिति के कारण लोग धीरे-धीरे काम के लिए शहरों के लिए पलायन कर रहे हैं। शासन व प्रशासन स्तर पर अगर अमानत नदी का पानी पाईप लाइन से पंचायतों के गांव में पहुंचाने की व्यवस्था की जाए तो पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान निकल सकता है। पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी घोर अभाव है। सड़क की स्थिति भी काफी बदतर है। बिजली आपूर्ति के लिए लगाए गए पोल व तार की स्थिति भी जर्जर है। इसके कारण आम ग्रामीण परेशान रहते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की पंचायत में है घोर कमी सांगबार पंचायत की बड़ी आबादी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहद अभाव है। लोगों को सामान्य बीमारी के लिए भी नीलांबर-पीतांबरपुर स्थित सीएचसी या मेदिनीनगर के मेडिकल कॉलेज या निजी अस्पतालों की सुविधा लेनी पड़ती है। पंचायत के गांवों में स्वास्थ्य स्वास्थ्य सुविधा की कमी रहने के कारण लोग ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे हैं। इसके कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही ग्रामीण चिकित्सों से इलाज कराने में हमेशा जान का भी खतरा बना रहता है। इस संबंध में पंचायत क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से सांगबार पंचायत में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत अन्य जरूरी सुविधाएं अविलंब मुहैया कराने की मांग की है। पेयजल के लिट भटकना विवशता सांगबार पंचायत के ग्रामीणों को पेयजल के लिए घर से दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पंचायत के अधिकांश नलकूप सूख चुके हैं। जालमीनार की स्थिति बहुत खराब है। पंचायत के सभी जालमीनार खराब है। सांगबार पंचायत में नल जल योजना के अंतर्गत बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना से आच्छादन नहीं किया गया है। पीने के पानी के लिए ग्रामीणों को एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। घर के एक सदस्य को पानी की व्यवस्था में लगना पड़ता है। पशुओं की पानी पिलाने के लिए भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। सिंचाई की सुविधा भी नहीं सांगबार पंचायत के सभी ग्रामीण कृषि पर निर्भर हैं। लेकिन खेती करने के लिए खेत तो है लेकिन सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है। गांव में नहर के माध्यम से सिंचाई की सुविधा की गई थी लेकिन अभी तक नहर का कोई लाभ ग्रामीणों को नहीं मिला है। किसानों को सिंचाई के लिए निजी बोर करना पड़ता है। बोर करने पर भी पानी नहीं मिल रहा है। इसके कारण किसानों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसानों को बरसात के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कहीं कही निजी बोर में पानी मिल भी रहा है तो सिंचाई करने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। गांव की सड़कें बदहाल सांगबार पंचायत क्षेत्र के गांवों की सड़के बेहद बदहाल अवस्था में है। गांवों की सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। सड़कों का निर्माण हुए लंबा समय हो गया जिसका अबतक रिपेयर नहीं किया गया है। बरसात के दिनों में पंचायत क्षेत्र से विभिन्न गांवों तक जाना एक गंभीर चुनौती है। लोग अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होकर अपने आप को चोटिल कर देते है। बेहतर सड़क के लिए लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं। परंतु निदान नहीं निकल रहा है। इससे व्यवसाय, शिक्षा पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हाईस्कूल की सुविधा नहीं पंचायत में हाईस्कूल की सुविधा अबतक नहीं है। अधिकतम 8वीं तक पढ़ाई पंचायत में होती है। आगे की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है। इसके लिए आठ किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। सड़क की स्थिति खराब होने के कारण विद्यार्थियों को हाईस्कूल आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही आने-जाने में ही विद्यार्थी थक जाते हैं। इनकी भी सुनिए पंचायत के विकास के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल की भौगोलिक स्थिति का सही तरीके से सर्वे किए बगैर ही करा दी जा रही है। इसके कारण उसका लक्ष्य के अनुरूप लाभ नहीं मिल पा रहा है। समस्याओं के निदान के लिए संबंधित अधिकारियों के पास मामले को लगातार उठाया जा रहा है। -गीता देवी, मुखिया सांगबार सांगबार पंचायत का अतीत गौरवशाली रहा है। परंतु वर्तमान में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और पेयजल की सुविधाओं के लिए पूरा पंचायत तरस रहा है। सड़क की स्थिति भी पूरे पंचायत में काफी खराब है। हाईस्कूल स्तर की शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को नीलांबर-पीतांबरपुर जाना पड़ता है। आवाज उठाने के बाद भी निदान नहीं निकल रहा है। -अरविंद अविनाश, सामाजिक कार्यकर्ता समस्याएं 1. सांगबार पंचायत अमानत नदी के तट पर बसा है परंतु सिंचाई की सुविधा अब भी नहीं मिली है। 2. सालोंभर पेयजल की किल्लत रहती है। ठकुराई दिदरी में बन जा रहा जलमीनार अधूरा है। 3. स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पूरे पंचायत के लोगों को दूर जाना पड़ता हैै। 4. पंचायत में आठवीं तक ही पढ़ाई की व्यवस्था है। उच्च शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। 5. पंचायत की मुख्य सड़क के अलावा ग्रामीण सड़कों की स्थिति भी काफी बदतर है। सुझाव 1. किसानों की आय को दुगुना करने को सबसे पहले सिंचाई सुविधा सुलभ करायी जाए। 2. अखोरी दीदरी, माधो दीदरी व पांडेय दीदरी को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत कराई जाए। 3. पेयजल सुविधा के लिए पाइप लाइन जलापूर्ति योजना के अधूरे कार्य को शीघ्र पूरा कराया जाए। 4. प्लस-2 स्तर तक की शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए। 5. स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने के लिए पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र की सुविधा सुनिश्चित की जाए ग्रामीणों ने कहा- जरूरी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं मेदिनीनगर पांकी मुख्य पथ से करीब सात किमी उत्तर की ओर स्थित पंचायत में पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है। बरसात के दिनों में पंचायत के गांव में पहुंचने के लिए ग्रामीणों को बहुत परेशानी होती है। -पिंटू पांडेय पानी निकासी के लिए गांव में नालियों का निर्माण नहीं किया गया है। घरों का गंदा पानी सड़को पर बहता है। इससे रास्ते में हमेशा कीचड़ बना रहता है। साथ ही सड़क की सुविधा भी ठीक नहीं है। -संजय भुइयां ग्रामीण खेती कर के जीवन यापन करते हैं। लेकिन खेती करने के लिए सिंचाई की सुविधा नहीं है। कुछ क्षेत्रों में नहर भी बनाया गया है, लेकिन नहर में कभी भी पानी नहीं मिलता है। -सारो देवी सांगबार का भूजल स्तर बहुत नीचे चला गया है। पानी में फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है जो पीने योग्य नहीं है। इसके बाद भी इस क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था समुचित नहीं किया गया है। -मंगल राम पानी निकासी के लिए गांव में नालियों का निर्माण नहीं किया गया है। घरों का गंदा पानी सड़को पर बहता है। इससे रास्ते में हमेशा कीचड़ बना रहता है। साथ ही सड़क की सुविधा भी ठीक नहीं है। -रामजी भुइयां नल जल योजना के अंतर्गत बनाए गए जालमीनार की स्थिति बहुत खराब है। पेयजल विभाग और पंचायत स्तर से बनाया गया जलमीनार को संवेदक ठीक से काम नहीं किया है। -मनोज कुमार पासवान पीने के पानी के लिए घर से एक एक किमी दूर तक जाना पड़ रहा है। गर्मी में परेशानी और भी गया है। पशुओं को पिलाने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। पानी के लिए कई बार ग्रामीण उलझ भी जाते हैं। -उदेश्वर पासवान शिक्षा के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। बच्चों को पढ़ाई के लिए गांव में मिडिल स्कूल तक ही शिक्षा का व्यवस्था है। उसमें भी शिक्षकों की कमी है। उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को दूर जाना पड़ता है। -पुनिता देवी पंचायत में गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है। लोगों को अभी भी कच्ची सड़कों पर ही चलन पड़ रहा है। सड़कों की स्थिति जर्जर हो गया है। चारों तरफ गढ़े बन गया है जिस पर चलना मुश्किल हो गया है। -संजू देवी पंचायत में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पेयजल का गंभीर संकट है। पानी के लिए प्रत्येक परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर अक्सर दुर्घटना होती रहती है। इसका निदान जरूरी है। -पुष्पा देवी पेयजल की सुविधा को ठीक करने के लिए पुराने चापाकल व जलमीनार को ठीक किया जाना चाहिए। पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। इस दिशा में समुचित पहल नहीं हो रही है। -सुनिता देवी बिजली की समस्या सबसे ज्यादा है। दिन भर में 12 से 14 घंटा ही बिजली मिलती है। पोल और तार की स्थिति जर्जर हो गया है। पुराने पोल और तार को बदल कर नए पोल और केबल लगाने की जरूरत है। -सविता देवी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।