15 विद्यार्थियों को मिली मेधा और खेल छात्रवृत्ति
रांची में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल) ने अपनी स्थापना के 16 वर्ष पूरे किए। स्थापना दिवस समारोह में झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कानूनी शोध के महत्व पर बल दिया।...

रांची, विशेष संवाददाता। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल), रांची ने अपनी स्थापना की 16 वर्षों की यात्रा पूरी की। शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में इस उपलब्धि का उल्लास मनाया गया। कैथोलिक चर्च के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन के मद्देनजर में घोषित राजकीय शोक के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए और समारोह सादगी से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व एनयूएसआरएल, रांची के कुलाधिपति न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, महाधिवक्ता राजीव रंजन और रांची के उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री उपस्थित थे। समारोह में विश्वविद्यालय में 10 वर्ष से अधिक सेवा देने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। साथ ही, 35 विद्यार्थियों और 13 टीमों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 15 छात्र-छात्राओं को मेधा और खेल छात्रवृत्ति दी गई। मौके पर एनयूएसआरएल, रांची और केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत दोनों विश्वविद्यालय एक-दूसरे के साथ अकादमिक सहयोग करेंगे।
कानूनी शोध और विशेषज्ञता का आज विशेष महत्व: न्यायमूर्ति
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव ने कहा कि विश्वविद्यालय सामाजिक जिम्मेदारी और कानूनी सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि कानूनी शोध और विशेषज्ञता आज के समय में विशेष महत्व रखती है और एनयूएसआरएल इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने विश्वविद्यालय के आरंभिक दिनों की स्मृतियों को साझा करते हुए शिक्षकों और कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने विद्यार्थियों को जिला और सत्र न्यायालयों की ओर भी प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कुलपति प्रो अशोक आर पाटिल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की एनआईआरएफ रैंकिंग में सुधार हुआ है और यह शीर्ष 10 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में शामिल होने की ओर अग्रसर है।
सोलर प्लांट की हुई शुरुआत
समारोह में विश्वविद्यालय में 200 मेगावाट के नए सोलर पावर प्लांट की शुरुआत हुई, जिससे कुल क्षमता 300 मेगावाट हो गई है। साथ ही, एक नया पावर हाउस भी शुरू किया गया। कार्यक्रम में झारखंड हाई कोर्ट के कई न्यायाधीश, अधिवक्ता, केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड और सरला बिरला विश्वविद्यालय समेत अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। संचालन सहायक रजिस्ट्रार डॉ जीसु केतन पटनायक ने किया।
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