इसरो का एक और कारनामा; सेमीक्रायोजेनिक इंजन का अल्पकालिक परीक्षण सफल, जानें खासियत
इसरो ने अपने बयान में कहा कि इस टेस्ट में इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल को 3.5 सेकंड की अवधि के लिए हॉट टेस्ट से गुजारा गया। इसमें थ्रस्ट चैंबर को छोड़कर सभी इंजन प्रणालियां शामिल थीं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को एक और कारनामा कर दिखाया। सेमीक्रायोजेनिक इंजन को चालू करने से संबंधित अल्पकालिक परीक्षण सफल रहा। तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) स्थित टेस्ट फैसिलिटी में इसे अंजाम दिया गया। यह परीक्षण 24 अप्रैल को किया गया। इससे पहले 28 मार्च को भी इसका टेस्ट कामयाब रहा था। सेमीक्रायोजेनिक इंजन परीक्षण कार्यक्रम में इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।
इसरो ने अपने बयान में कहा कि इस टेस्ट में इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल को 3.5 सेकंड की अवधि के लिए हॉट टेस्ट से गुजारा गया। इसमें थ्रस्ट चैंबर को छोड़कर सभी इंजन प्रणालियां शामिल थीं। इस प्रक्रिया ने इंजन स्टार्ट-अप सिक्वेंस को मान्य कर दिया। बयान में कहा गया, ‘परीक्षण के दौरान इंजन को सफलतापूर्वक चालू किया गया। यह अपने निर्धारित क्षमता स्तर के 60 प्रतिशत तक संचालित हुआ, जिससे स्थिर और नियंत्रित प्रदर्शन प्रदर्शित हुआ।’
इसरो ने बताई परीक्षण की अहमियत
इसरो के अनुसार, ये परीक्षण मूल्यांकन की योजनाबद्ध श्रृंखला का हिस्सा हैं। इन्हें निम्न-दबाव और उच्च-दबाव टर्बो पंप, प्री-बर्नर और संबंधित नियंत्रण प्रणालियों सहित उप-प्रणालियों की डिजाइन और प्रदर्शन को मान्य करने के लिए तैयार किया गया है। इन नतीजों से सेमीक्रायोजेनिक इंजन के ऑपरेटिंग सिक्वेंस को अंतिम रूप देने के लिए अहम आंकड़े मिले हैं। इसरो ने कहा, ‘इंजन सिस्टम को व्यापक रूप से मान्य करने के लिए आगे के योग्यता परीक्षण निर्धारित हैं, जो इसरो के प्रक्षेपण यानों में इसे शामिल करने का रास्ता साफ करेंगे।’