बाल हिंसा रोकने के लिए रांची में 15 को विशेष कार्यशाला
रांची में 15 जून को इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) द्वारा बाल हिंसा रोकने के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें 50 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसका उद्देश्य चिकित्सकों को...

रांची, संवाददाता। बाल हिंसा को रोकने के लिए इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) 15 जून को रांची में विशेष कार्यशाला करेगा। इसमें झारखंड के 50 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ और स्वास्थ्य पेशेवर भाग लेंगे। यह जानकारी आईएमए सभागार में शुक्रवार को हुई प्रेसवार्ता में दी गई। इसमें झारखंड आईएपी के अध्यक्ष डॉ. राजीव मिश्रा, सचिव डॉ. राजेश कुमार, उपाध्यक्ष डॉ. पार्थ कुमार चौधरी, कोषाध्यक्ष डॉ. अनिताभ कुमार और डॉ. श्याम सिडाना आदि मौजूद थे। बताया गया कि आयोजन का उद्देश्य बाल चिकित्सकों को बाल हिंसा की समय रहते पहचान करने, रोकने और पीड़ितों को मदद व मार्गदर्शन देने के लिए प्रशिक्षित करना है।
कार्यशाला में बाल संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञ कक्षाएं लेंगे। एक अरब बच्चे हिंसा के होते हैं शिकार डॉ. राजेश ने बताया कि वैश्विक स्तर पर 2 से 17 वर्ष की उम्र के करीब एक अरब बच्चे किसी न किसी रूप में हिंसा या उपेक्षा के शिकार होते हैं। यह उनके समग्र विकास को बाधित करता है। ऐसे में डॉक्टरों को सशक्त कर बाल हिंसा की समय पर पहचान और प्रभावी हस्तक्षेप किया जाना जरूरी है। आईएपी द्वारा वर्ष 2023 में शुरू की गई बाल हिंसा रोकथाम कार्यक्रम के तहत यह पहल देश भर में चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत न सिर्फ डॉक्टरों बल्कि अभिभावकों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, कानूनी विशेषज्ञों और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों के लिए स्क्रीनिंग टूल, जागरूकता सामग्री और वीडियो भारत की 10 प्रमुख भाषाओं में तैयार की गई है, जिन्हें व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जाएगा।
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