जन्म प्रमाणपत्र के बिना 4.15 लाख बच्चों का नहीं बना आधार
आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र है अनिवार्य, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का नहीं बन पा रहा जन्म प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र बनाने में

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड में जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनने से स्कूली बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। सरकारी स्कूलों में नामांकित 4,15,891 बच्चों का अब तक आधार कार्ड नहीं बना है। यह नामांकित कुल बच्चों का नौ फीसदी के करीब है। वहीं, 6.64 लाख बच्चों का आधार वेलिडेशन पेंडिंग है, जबकि 5.86 लाख बच्चों का आधार वेलिडेशन फेल हो गया है।
झारखंड सरकार ने प्रखंडों में कैंप लगाकर आधार कार्ड बनाने के निर्देश दिए। कैंप भी लगे, लेकिन सभी बच्चों का अब तक आधार नहीं बन सका। आधार बनने के लिए जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य है। ऐसे में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाता है। ऐसे बच्चों के गरीब माता-पिता दफ्तर की दौड़ लगाते हैं, लेकिन बिचौलियों की ओर से मांगी जाने वाली राशि से वे अपने कदम पीछे खींच लेते हैं। सुदूर जिले के साथ-साथ राजधानी में भी मोटी रकम लेकर जन्म प्रमाणपत्र बनाने की बात सामने आती है। दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए जो लोग मजदूरी करते हैं, उन्हें जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में कई दिनों की कमाई देनी पड़ रही है।
पोशाक और छात्रवृत्ति योजना से हो रहे वंचित
आधार कार्ड नहीं होने से स्कूली बच्चों को सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित होना पड़ रहा है। पोशाक योजना और छात्रवृत्ति की राशि बच्चों के बैंक खाते में जाती है। जन्म प्रमाणपत्र और आधार होने के बाद ही बैंक में खाता भी खुलता है। ऐसे में बच्चों, उनके अभिभावक और स्कूलों को इसमें पेरशानी हो रही है। सरकार से विशेष अनुरोध पर बैंक खाता नहीं होने पर पोशाक की राशि नकद निकाल कर दी जाती है, लेकिन अन्य योजनाओं के लिए समस्या होती है।
गिरिडीह में सबसे ज्यादा बच्चों का नहीं है आधार
राज्य में गिरिडीह में सबसे ज्यादा 55,604 बच्चों का आधार कार्ड नहीं है। वहीं, पलामू में 35,335 और पश्चिमी सिंहभूम में 33,946 बच्चों का आधार कार्ड नहीं है। लोहरदगा में सबसे कम 4,228, रामगढ़ में 4,584 और सिमडेगा में 4877 बच्चों का आधार कार्ड बनना है।
कोट....
प्राथमिक व मध्य विद्यालय में बच्चों का नामांकन चल रहा है। नामांकन के लिए आधार और जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है। जन्म प्रमाण नहीं होने से आधार नहीं बन पाता है। छात्रों को छात्रवृत्ति, पोशाक, विद्यालय किट, साइकिल आदि योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण व बैंक खाता की जरूरत पड़ती है। पहले विद्यालय प्रधानाध्यापक द्वारा छात्र का विद्यालय में अध्ययनरत प्रमाण पत्र देने पर आधार बन जाता था, लेकिन अब नहीं बनता।
नसीम अहमद, मुख्य प्रवक्ता, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ झारखंड प्रदेश
जिलावार कितने बच्चों का आधार कार्ड नहीं
पलामू - 35,335
गोड्डा - 22,297
देवघर - 23,882
साहिबगंज - 20,518
दुमका - 22,764
धनबाद - 20,374
हजारीबाग - 16,407
लातेहार - 11,212
पाकुड़ - 18,916
गुमला - 15,938
पश्चिम सिंहभूम - 33,946
पूर्वी सिंहभूम - 6976
चतरा - 14,499
कोडरमा - 6421
जामताड़ा - 6755
गिरिडीह - 55,604
बोकारो - 9176
सरायकेला-खरसावां - 8264
रामगढ़ - 4584
खूंटी - 9350
सिमडेगा - 4877
गढ़वा - 23,328
लोहरदगा - 4428
रांची - 20,040
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।