एनआईए ने दो माओवादियों पर किया चार्जशीट
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षाबलों पर हमले की रची साजिश, माओवादी रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ चार्जशीट दायर

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद बदले की रणनीति के तहत माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश रची थी। सुरक्षा बलों पर हमला करने की प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन की आतंकी साजिश के तहत हथियार और गोला-बारूद जब्त करने से संबंधित 2022 के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। माओवादी रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ एजेंसी ने शनिवार को चार्जशीट दायर की है। इसके साथ ही अब आरसी-02/2022/एनआईए/आरएनसी मामले में आरोप पत्र दाखिल किए गए आरोपियों की कुल संख्या 25 हो गई है।
दोनों के खिलाफ आईपीसी, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूए (पी) एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। लोहरदगा में नियोजित था हमला एनआईए की चार्जशीट में बताया गया है कि गुप्त सूचना के आधार पर, झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों ने फरवरी 2022 में झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल के वन क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया था। जहां भाकपा माओवादी कैडर अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बॉक्साइट माइंस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने के लिए एकत्र हुए थे। इस सभा का नेतृत्व आतंकी संगठन के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू ने किया था, साथ ही सक्रिय कैडर बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य कैडर भी थे। बहाबर जंगल के रास्ते में, सुरक्षा बलों पर हरकट्टा टोली और बांग्ला पाट में भाकपा माओवादी कैडरों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी। इसके बाद मुठभेड़ हुई, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की व्यापक तलाशी ली और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया। झारखंड पुलिस ने शुरू में मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इसके बाद, अगस्त 2023 और मई 2025 के बीच, एनआईए ने 23 लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोप पत्र दायर किए। इनमें झारखंड पुलिस द्वारा पहले से ही चार्जशीट किए गए नौ आरोपी शामिल हैं, जिन्हें एनआईए ने नई धाराओं के तहत आरोपित किया है। क्या था भाकपा माओवादियों का इरादा एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि साजिश का उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता को खतरे में डालना और सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से आतंकवादी और हिंसक कृत्य और सशस्त्र विद्रोह करना था। एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जोनल कमांडर, सब-जोनल कमांडर, एरिया कमांडर शामिल हैं। सशस्त्र कैडरों के खिलाफ एकत्र किए गए विश्वसनीय सबूत भी हैं। एजेंसी ने अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों और जमीनी समर्थकों की मिलीभगत का भी खुलासा किया है। देश में सीपीआई (माओवादी) नेटवर्क को खत्म करने के अपने प्रयासों के तहत एनआईए अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की तलाश कर रही है।
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