Residents of Furhura Toli in Ranchi Demand Basic Amenities and Inclusion in Municipal Corporation बोले रांची: नगर निगम में शमिल करो या हमें हमारा अधिकार दो, Ranchi Hindi News - Hindustan
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बोले रांची: नगर निगम में शमिल करो या हमें हमारा अधिकार दो

रांची के फुरहुरा टोली में 8000 से अधिक लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में शामिल न होने के कारण यहां सड़क, पानी, और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 16 May 2025 05:24 PM
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बोले रांची: नगर निगम में शमिल करो या हमें हमारा अधिकार दो

रांची, संवाददाता। रांची के बीआईटी मोड़ स्थित केदल पंचायत की फुरहुरा टोली में आठ हजार से अधिक की आबादी निवास करती है, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में शामिल नहीं होने के कारण यहां सड़क, पानी, स्ट्रीट लाइट, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि इन समस्याओं को लेकर कई बार प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन अब तक ठोस समाधान नहीं निकला है। कहा कि उपायुक्त मामले में संज्ञान लेकर जल्द सुविधाएं उपलब्ध कराएं। रांची के बीआईटी मोड़ के समीप स्थित केदल पंचायत अंतर्गत फुरहुरा टोली की आबादी आज आठ हजार से अधिक हो चुकी है।

यह क्षेत्र शहर से बिल्कुल सटा हुआ है, बावजूद, मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहां के निवासियों की सबसे प्रमुख मांग है कि बीआईटी क्षेत्र को रांची नगर निगम में शामिल किया जाए, ताकि यहां विकास की रफ्तार आ सके। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने कहा कि वर्तमान में फुरहुरा टोली पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जिससे शहरी सुविधाएं यहां तक नहीं पहुंच पाई हैं। स्थानीयों का कहना है कि पंचायत में लगातार शिकायतें और आवेदन देने के बावजूद सिर्फ आश्वासन मिलता है, कार्य नहीं। रांची शहर से सटा होने के बावजूद यह क्षेत्र बदहाली का शिकार है। स्थानीय निवासी चाहते हैं कि इस क्षेत्र को रांची नगर निगम में शामिल किया जाए, जिससे नगर निगम की योजनाएं और सेवाएं यहां तक पहुंच सकें। सड़कें बनी जानलेवा, दो लेन की सड़क की मांग फुरहुरा टोली के लोगों को जर्जर और कच्ची सड़कों को लेकर परेशानी है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि आरटीसी स्कूल से फुरहुरा टोली की लगभग पांच सौ मीटर की सड़क कच्ची है और एक किमी की सड़क पूरी तरह से खराब है। बरसात के मौसम में यह रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे स्कूली बच्चों, कामकाजी महिलाओं और बुजुर्गों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निर्मल महतो चौक के पास सड़क पर गड्ढे हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बाइक सवार अक्सर इन गड्ढों में गिरते हैं और चोटिल होते हैं। लोगों ने बताया कि कई बार इस गड्ढे को भरा गया है, लेकिन रूक्का से सप्लाई होने वाला पानी इस जगह पर रिसाव होता है, जिससे हर बार वहां गड्डा बढ़ता रहता है। लोगों ने इस सड़क को दो लेन में तब्दील करने की मांग की है। साथ ही खराब सड़क के कारण जो ऑटो, रिक्शा इस क्षेत्र में नहीं आना चाहते हैं। सड़क बनने के बाद यहां आवागमन आसान हो सके और दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। स्ट्रीट लाइट के अभाव में अंधेरे में डूबा इलाका फुरहुरा में बिजली के पोल तो लगे हैं, लेकिन उन पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। शाम होते ही पूरा मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है। इससे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए बाहर निकलना जोखिम भरा हो जाता है। अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि शाम के बाद कोई भी महिला शाम में अकेले घर से बाहर नहीं निकलती हैं। बच्चों को पढ़ाई करके घर लौटने में परेशानी होती है। कई बार पंचायत स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन जवाब यही मिला कि फंड नहीं है। इस परिस्थिति से निजात पाने के लिए लोगों ने सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए जाने की मांग की है, ताकि बिना बिजली पर निर्भर हुए भी इलाके में रौशनी लाई जा सके। पंचायत प्रणाली से नाराजगी फुरहुरा के निवासी पंचायत व्यवस्था से नाराज हैं। उनका कहना है कि जब पंचायत से कोई सुविधा नहीं मिल रही तो फिर हमें शहरी निकाय में क्यों नहीं शामिल किया जाता। उनका तर्क है कि रांची नगर निगम से जुड़ने के बाद विकास कार्यों को गति मिलेगी, और उन्हें वो सुविधाएं मिलेंगी जिनका वे हकदार हैं। समस्याएं 1. पंचायत क्षेत्र में रहने के कारण नगर निगम से मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलतीं। 2. लगभग एक किलोमिटर की सड़क जर्जर, नाली की भी नहीं है व्यवस्था। 3. स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण शाम ढलते ही सड़कों पर पसर जाता है अंधेरा। 4. फुरहुरा टोली में सप्लाई पानी की नहीं है व्यवस्था, हर घर नल जल योजना भी नहीं पहुंची। 5. क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक, सामुदायिक भवन और स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग। सुझाव 1. फुरहुरा टोली को नगर निगम में शामिल किया जाए, जिससे बुनियादी सुविधा मिल सके। 2. जर्जर सड़कों का निर्माण करवाया जाए, जिसमें ड्रेनेज की व्यवस्था हो। 3. केदल पंचायत की सड़कों पर बिजली के पोल पर स्ट्रीट लाइट या सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। 4. टोली में सप्लाई पानी के लिए व्यवस्था की जाए, सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। 5. आवारा कुत्तों को घनी आबादी से दूर किया जाए। सामुदायिक भवन और स्वास्थ्य केंद्र खोलें। :: बोले लोग :: रांची शहर के इतने करीब रहते हैं, फिर भी गांव जैसे हालात हैं। न सड़क ठीक है, न पानी मिलता है, न स्वास्थ्य सुविधाएं हैं। हमारी मांग है कि हमें नगर निगम में शामिल किया जाए, तभी यहां कुछ सुधार होगा। आरटीसी स्कूल से फुरहुरा टोली की लगभग पांच सौ मिटर की सड़क कच्ची है और एक किलोमीटर की सड़क पूरी तरह से खराब है। ड्रेनेज भी नहीं है। -सुरेंद्र पंडित सड़क इतनी खराब है कि बारिश में गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। गड्ढों से भरी सड़क पर हर दिन हादसे होते हैं। निर्मल महतो चौक से फुरहुरा तक की सड़क को पक्का और चौड़ा करने की जरूरत है। पानी निकासी के लिए नाली निर्माण नहीं हुआ है। इस कारण बारिश के दौरान गलियों में पानी भर जाता है, जिससे आवागमन बाधित होता है और गंदगी फैलती है। -एनएन मिश्रा बीआईटी फुरहुरा रांची शहर से जुड़ा है, लेकिन विकास से कोसों दूर है। यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पीछे रह जाते हैं। -अभय सिन्हा नाली नहीं होने से बारिश में पूरा मोहल्ला जलभराव से भर जाता है। घरों के आगे पानी ही पानी रहता है, जिसमें मच्छर पनपते हैं। -सधन कुमार राय यहां पोल तो लगे हैं लेकिन एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। अंधेरे में महिलाएं बाहर नहीं निकलतीं। शाम में लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। -सुनिता मिश्रा रुक्का डैम से सटे होने के बावजूद केदल पंचायत के लोग पानी के लिए तरसते हैं। यहां न तो सरकारी बोरिंग है, न चापानल। -सुजित कुमार यहां सामुदायिक भवन की सख्त जरूरत है। गरीब लोग मजबूरी में छोटा आयोजन करते हैं। सामुदायिक भवन से सभी को सुविधा होगी। -जयराम शर्मा हम रुक्का डैम के पास रहते हैं, जहां से आधी रांची को पानी जाता है। लेकिन, हमारे पास पीने को पानी नहीं है। सप्लाई पानी बहाल होनी चाहिए। -कुमारी शालिनी शाम होते ही पूरा मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है। असमाजिक तत्व बढ़ जाते हैं। महिलाएं शाम में बाहर नहीं निकलती हैं। -जौली सिंह मोहल्ला क्लीनिक जैसी स्वास्थ्य सुविधा होनी चाहिए, जिसमें एंबुलेंस की सुविधा हो। इससे आपात स्थिति में लोगों को सुविधा हो। -मुनेश्वर प्रसाद यहां आवारा कुत्तों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। रात को तो लोग घर से निकलना ही छोड़ देते हैं। हाल में कई लोगों को घायल कर चुकें हैं। -केआर सहाय निर्मल महतो चौक के पास सड़क पर गड्ढे हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बाइक सवार अक्सर इन गड्ढों में गिरते हैं और चोटिल होते हैं। -यज्ञशंकर महतो स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम होते ही डर का माहौल हो जाता है। महिलाएं बाहर नहीं निकलतीं और चोरी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। -मीना राय

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