300 से अधिक लाभुकों के बीच 18 करोड़ की परिसंपत्ति वितरित
खूंटी में शनिवार को राज्य स्तरीय विधिक सेवा-सह-सशक्तिकरण शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर में 300 से अधिक लाभुकों के बीच 18 करोड़ 63 लाख रुपए मूल्य की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। न्यायाधीशों ने लोगों...

खूंटी, संवाददाता। नालसा एवं झालसा के निर्देशानुसार और पीडीजे सह डालसा अध्यक्ष रसीकेश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को बिरसा कॉलेज के बहुउद्देश्यीय भवन में राज्य स्तरीय विधिक सेवा-सह-सशक्तिकरण शिविर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद मुख्य अतिथि एवं जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दोनों न्यायाधीशों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। शिविर के दौरान 300 से अधिक लाभुकों के बीच कुल 18 करोड़ 63 लाख 2 हजार रुपए मूल्य की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। इनमें सिलाई मशीन, साइकिल, छात्रवृत्ति, स्कूल बैग, पुस्तकें, स्वयं सहायता समूह को चेक, अबुआ आवास योजना के अंतर्गत गृह प्रवेश सामग्री एवं चाबी, गोद भराई, पशुपालन, कृषि व स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं शामिल रहीं।
मौके पर संबोधित करते हुए जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि सरकार विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं चलाती है, परंतु आम लोगों को भी अपने अधिकारों की जानकारी रखनी चाहिए, ताकि वे उन योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने इस शिविर को न्याय और अधिकारों के प्रति जन-जागरुकता की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने डायन प्रथा, नशा उन्मूलन, पोक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट जैसे गंभीर विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए लोगों से इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खूंटी में बड़े पैमाने पर अवैध अफीम की खेती होती है, जो युवाओं और मिट्टी दोनों को बर्बाद कर रही है। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस को ऐसे रैकेट की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। जस्टिस प्रसाद ने सभी उपस्थित लोगों को नशा मुक्त झारखंड के लिए शपथ भी दिलाई और कहा कि शपथ लेना ही नहीं, उसे आचरण में उतारना भी आवश्यक है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें क्योंकि युवा ही देश का भविष्य हैं। हर व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना प्राथमिकता : जस्टिस द्विवेदी जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि विधिक सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित ना रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविरों के माध्यम से निशुल्क कानूनी सलाह देकर आमजन को न्यायिक प्रक्रिया से जोड़ा जाता है, विशेषकर समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों को। उपायुक्त ने दी सरकारी योजनाओं की जानकारी: उपायुक्त आर. रॉनिटा ने अपने संबोधन में शिविर में आए सभी अधिकारियों एवं अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन स्वच्छ, पारदर्शी एवं उत्तरदायी शासन के लिए कटिबद्ध है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोग भी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। झालसा सदस्य सचिव एवं न्यायिक पदाधिकारियों की उपस्थिति: कार्यक्रम में झालसा की सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना ने स्वागत भाषण देते हुए शिविर के उद्देश्यों को रेखांकित किया और सभी अतिथियों का आभार जताया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश प्रथम संजय कुमार, जिला न्यायाधीश द्वितीय राकेश कुमार मिश्रा, जिला न्यायाधीश तृतीय प्राची मिश्रा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अर्जुन साव, डीएलएसए सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर, अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी विद्यावती कुमारी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम अमित कुमार सिंहा, पुलिस अधीक्षक मनीष टोप्पो, डीडीसी श्याम नारायण राम, एसडीओ दीपेश कुमारी, बीडीओ, सीओ, पीएलवी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व ग्रामीण मौजूद थे।
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