एंटी रैगिंग विनियम के पालन से चूके राज्य के 6 विवि को नोटिस
यूजीसी ने एंटी रैगिंग विनियम-2009 का पालन न करने पर 89 विश्वविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। झारखंड के 6 विश्वविद्यालय भी इसमें शामिल हैं। संस्थानों को 30 दिन में अनुपालन पेश करना होगा और...

रांची, विशेष संवाददाता। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एंटी रैगिंग विनियम-2009 का पालन नहीं करने वाले देशभर के 89 विश्वविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें झारखंड के 6 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें चार राजकीय और दो निजी विश्वविद्यालयों को भी नोटिस जारी हुआ है। नोटिस में कहा गया है कि आयोग के संज्ञान में आया है कि ये संस्थान यूजीसी की ओर से जारी कई सलाह, एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन से अनुवर्ती कॉल और एंटी रैगिंग मॉनिटरिंग एजेंसी की ओर से सीधे हस्तक्षेप के बावजूद छात्रों की ओर से अनिवार्य एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग और संस्थानों की ओर से अनुपालन अंडरटेकिंग प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं।
झारखंड में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय मेदिनीनगर-पलामू, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय और झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जेयूटी) रांची, सोना देवी विश्वविद्यालय काठीडीह, घाटशिला और राधा गोविंद यूनिवर्सिटी रामगढ़ को नोटिस जारी हुआ है। 30 दिन में अनुपालन पेश करना होगा संस्थानों को एंटी-रैगिंग अनुपालन पेश करने और कारण बताओ नोटिस की तिथि से 30 दिन के भीतर सभी विद्यार्थियों से ऑनलाइन अंडरटेकिंग प्राप्त करने को कहा गया है। संस्थान अपने परिसर में रैगिंग को रोकने के लिए अपनाए गए उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट पेश करेंगे। ऐसा नहीं करने पर विनियामक कार्रवाई हो सकती है। यूजीसी ने कहा है कि नोटिस को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ लिया जाना चाहिए। झारखंड के ये विवि बीएयू, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, एनपीयू, जेयूटी, राधागोविंद विश्वविद्यालय और सोनादेवी विश्वविद्यालय को जारी किया गया है नोटिस।
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