कोल्हान विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ रवि रंजन नागालैंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर दिए योगदान
डॉ. रवि रंजन कुमार ने 15 जून को कोल्हान विश्वविद्यालय से त्यागपत्र देकर नागालैंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर का कार्यभार संभाला। उन्होंने 'भारतीय नवजागरण' और 'दलित' जैसे विषयों...
सरायकेला। कोल्हान विश्वविद्यालय के सुदूरवर्ती क्षेत्र सारंडा में स्थित डिग्री कॉलेज, जगन्नाथपुर के हिन्दी विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत डॉ. रवि रंजन कुमार ने 15 जून को विश्वविद्यालय से विरमित होकर नागालैंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर पद का कार्यभार संभाला।हिन्दी साहित्य और नवजागरण विषय पर गहरा अधिकार रखने वाले डॉ. रवि रंजन ने 'भारतीय नवजागरण और दलित' तथा 'भारतीय नवजागरण और डॉ. रामविलास शर्मा का चिंतन' जैसी कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकों के माध्यम से साहित्य और सामाजिक विमर्श में उल्लेखनीय योगदान दिया है।उनके 50 से अधिक शोध-पत्र देश के प्रतिष्ठित शोध-जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने न केवल आधा दर्जन शोधार्थियों को शोध-कार्य पूर्ण कराया, बल्कि अनेक विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाई।घाटशिला
कॉलेज में पढ़े उनके कई छात्र आज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की छात्रवृत्ति प्राप्त कर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोधरत हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि यदि डॉ. रवि रंजन कॉलेज नहीं आते, तो उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा ही नहीं मिलती।कोल्हान विश्वविद्यालय के जिस भी कॉलेज में उन्होंने अध्यापन किया, वहाँ वे विद्यार्थियों के बीच खासे लोकप्रिय रहे।
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