SC questions TN govt over suspension of ADGP after HC directive to arrest him Kidnapping case पुलिस अधिकारी को निलंबित क्यों किया? SC ने हाईकोर्ट और तमिलनाडु सरकार को लगाई फटकार, India News in Hindi - Hindustan
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पुलिस अधिकारी को निलंबित क्यों किया? SC ने हाईकोर्ट और तमिलनाडु सरकार को लगाई फटकार

इसके साथ ही, इस मामले में पुथिया भारतम काची (पीबीके) के विधायक पूवै जगन मूर्ति भी शामिल हैं, जिन्हें हाई कोर्ट ने जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 18 June 2025 12:18 PM
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पुलिस अधिकारी को निलंबित क्यों किया? SC ने हाईकोर्ट और तमिलनाडु सरकार को लगाई फटकार

तमिलनाडु के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एडीजीपी एचएम जयराम की गिरफ्तारी के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। अदालत ने न केवल गिरफ्तारी के आदेश पर सवाल उठाए, बल्कि राज्य सरकार द्वारा अधिकारी के निलंबन को भी "हतोत्साहित करने वाला" बताया।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, "आप ऐसा नहीं कर सकते... यह बहुत ही निराशाजनक है।" अदालत ने अधिकारी की 28 वर्षों की सेवा का हवाला देते हुए पूछा कि जब वह जांच में सहयोग कर रहे हैं, तो निलंबन की क्या आवश्यकता है? न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, "जब वह जांच में शामिल हो चुके हैं, तो निलंबन क्यों किया गया?" वहीं, न्यायमूर्ति भुइयां ने तमिलनाडु सरकार के प्रतिनिधियों से कहा, "आप निलंबन आदेश को वापस लेने के निर्देश प्राप्त कीजिए... वह एक वरिष्ठ अधिकारी हैं।"

क्या है मामला?

यह विवाद एक पारिवारिक विवाद से शुरू हुआ। पुलिस के अनुसार, वनराजा नामक व्यक्ति की बेटी ने 22 वर्षीय युवक से प्रेम विवाह कर लिया था। वनराजा ने पूर्व महिला कांस्टेबल महेश्वरी से बेटी को वापस लाने में मदद मांगी। महेश्वरी ने कथित रूप से एडीजीपी एचएम जयराम से संपर्क किया, जिन्होंने पूवई जगन मूर्ति (पुरच्ची भारतम पार्टी के प्रमुख और विधायक) को इसमें शामिल किया।

जब वे युवक का पता नहीं लगा सके, तो आरोप है कि इस समूह ने उसके 16 वर्षीय छोटे भाई को अगवा कर लिया। पुलिस का कहना है कि लड़के को तब छोड़ा गया जब दबाव बढ़ा, और वह भी एडीजीपी जयराम की आधिकारिक कार में, जिसे एक पुलिस कांस्टेबल चला रहा था। कार में वनराजा और महेश्वरी भी मौजूद थे।

गिरफ्तारी और निलंबन पर विवाद

जयराम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट के गिरफ्तारी आदेश को चुनौती दी। उनके वकील ने बताया कि आदेश के तुरंत बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और 24 घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ही छोड़ा गया। हालांकि, राज्य सरकार ने अदालत में दावा किया कि एडीजीपी जयराम को औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि उन्हें हिरासत में लिया गया था और बाद में छोड़ दिया गया। फिलहाल एडीजीपी जयराम निलंबित हैं और सक्रिय सेवा से बाहर हैं।

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विधायक पर भी सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

मामले में शामिल विधायक पूवई जगन मूर्ति को अभी तक अग्रिम जमानत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक के आचरण पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि को कानून का आदर्श बनना चाहिए, न कि "कंगारू कोर्ट" में शामिल होना चाहिए।

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